2022 के लिए शहर का महिला वोट बैंक के साथ-साथ ब्राह्मण वर्ग को अभिमान दिया जाना भाजपा के लिए होगा महत्वपूर्ण
नाहन (हिमाचलवार्ता)। नाहन नगर परिषद के लिए इस बार भाजपा बहुमत में है तो अध्यक्ष पद के लिए जहां श्यामा पुंडीर की दावेदारी को पुख्ता माना जा रहा है तो वही महिला वोट बैंक के लिए मधु अत्री उपाध्यक्ष के लिए वरिष्ठता की सूची में आगे मानी जा रही है।
बीते विधानसभा के चुनावों में शहर से भाजपा प्रत्याशी जो कि अब विधायक हैं बनिस्पत कांग्रेस कम वोट मिला था। तो वही इस बार यदि नाहन नगर परिषद पर दोनों प्रमुख पद महिलाओं के नाम जाते हैं तो निश्चित ही शहर का महिला वोट बैंक 2022 में भाजपा के लिएंडर मजबूत सीढ़ी हो सकता है।
अध्यक्ष पद पर कोली बिरादरी से ताल्लुक रखने वाली श्यामा पुंडीर बिरादरी का अच्छा समीकरण बनाती है तो वही मधु अत्रि को उपाध्यक्ष पद पर काबिज कर ब्राह्मण वर्ग को भी भाजपा शहर में खुश कर सकती है। हालांकि इस पद के लिए भाजपा लगातार उपाध्यक्ष रह चुके अविनाश गुप्ता के नाम पर विचार कर रही है। मगर इस बार ऐसा करना ब्राह्मण वर्ग के लिए एक बड़ी नाराजगी भी साबित होगा। बताना यह भी जरूरी है कि भाजपा के जिला अध्यक्ष और विधायक एक ही बिरादरी के हैं ऐसे में नाहन नगर परिषद पर इसी बिरादरी को फिर से महत्व दिया जाना घातक भी हो सकता है।
अब यदि नाहन विधानसभा क्षेत्र की भाजपा मजबूत किलेबंदी करती है तो राजपूत लॉबी जिसके लिए नाहन भाजपा मंडल अध्यक्ष पहले से ही पद पर काबिज है। तो इस बार ब्राह्मण वर्ग भी संगठन से उम्मीद पाले बैठा है। यही नहीं संगठन में और शहर में इस बार ब्राह्मण वर्ग को अधिमान किए जाने को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं।
अब यदि वरिष्ठता का भी अगर आधार देखा जाए तो मधु अत्री चौथी बार पार्षद बनी है। वार्ड नंबर 5 से सबसे अधिक मार्जिन लेकर जीती भी हैं। हालांकि पिछली बार मधु अत्री की दावेदारी भी अध्यक्ष पद के लिए काफी मजबूत मानी गई थी। मगर उस दौरान मधु अत्रि की पैरवी किसी की ओर से नहीं की गई। जबकि स्थानीय विधायक डॉ राजीव बिंदल की ओर से रेखा तोमर को अध्यक्ष पद सौंपा जाना था मगर भाजपा के एक दूसरे गुट की विशेष अनुकंपा पर अनीता शर्मा को अध्यक्ष पद पर काबिज किया गया था।
जिसके बाद अनीता शर्मा रेखा तोमर और मधु अत्री के बीच दरारे भी पैदा हो गई थी। इसका नुक्सान विधानसभा चुनाव में भी पड़ना था जिसके बाद यह तय किया गया था कि आधा कार्यकाल अनीता शर्मा और आधा कार्यकाल रेखा तोमर का होगा। ऐसे में मधु अत्री जो कि अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार भी थी वह हाशिए पर चली गई थी। बावजूद इसके मधु अत्री ने संगठन के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी मगर मन में नाराजगी तो बराबर बनी रही।
इस बार अच्छे मार्जिन से जीतने के बाद मधु अत्रि को संभवत संगठन से पूरी उम्मीद है कि उसकी नाराजगी को उपाध्यक्ष पद देकर समाप्त किया जाएगा। क्योंकि अध्यक्ष पद इस बार रिजर्व हो चुका है लिहाजा उपाध्यक्ष पद पर ही ब्राह्मण वर्ग से ताल्लुक रखने वाली मधु अत्री की उपाध्यक्ष पद की उम्मीद ज्यादा प्रबल मानी जा सकती है।