राष्ट्रपति कर्नाटक के राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 23वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल हुए
चिकित्सा स्नातक बनने वाले छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस पेशे में प्रवेश करने से आपके लिए मानवता की सेवा करने के अभूतपूर्व और अप्रत्याशित अवसरों का द्वारा खुलता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इन अवसरों का किस प्रकार बेहतर रूप से उपयोग करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि 1 फरवरी को घोषित केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत के छह महत्वपूर्ण स्तम्भों में से एक स्तम्भ के रूप में मान्यता दी गई है। देश में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए काफी जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि इस राष्ट्रीय संसाधन का प्रभावी उपयोग आपके सक्रिय सहयोग और योगदान से ही संभव हो सकेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत स्वास्थ्य सेवा की आपूर्ति के सभी चरणों- रोकथाम, निदान और उपचार से गुजरने के लिए तैयार है। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक ही इकाई न तो परिणाम दे सकती है और न ही परिणाम अर्जित कर सकती है। इसलिए इस क्षेत्र का विकास सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग तथा आशय एवं निष्पादन में नवाचार के उपयोग का आह्वान करता है।
उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने दुनिया में संबद्ध संस्थानों के सबसे बड़े नेटवर्क के साथ स्वास्थ्य सेवा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचारों का नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के बाद से ही अपने दिग्गजों द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों के कारण विश्व स्तर पर एक विश्वसनीय ब्रांड के रूप में उभरा है।