ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी सी सी ई ए के लिए मुख्यमंत्री से जल्द करेंगे चर्चा
नाहन (हिमाचलवार्ता)। 7000 करोड रुपए की राष्ट्रीय महत्व वाली बहुउद्देशीय श्री रेणुका जी बांध परियोजना का कार्य जल्द शुरू होने के आसार बनते नजर आ रहे हैं।बहू उद्देश्य परियोजना के लिए रिवाइज्ड डीपीआर कॉस्ट सहित टेक्निकल क्लीयरेंस भी पूरी हो चुकी है। अब केवल बांध निर्माण के कार्य को शुरू करने के लिए फंड रिलीज होना बाकी रह गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बहुत जल्द ही रेणुका बांध निर्माण की फाइल केबिनेट कमेटियों कोनामिक अफेयर्स में पुट अप हो सकती है। जैसे ही सी सी ई ए इस बांध के निर्माण को लेकर फंड रिलीजिंग को हरी झंडी देता है तो उसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी इस बार होने वाली सी सी ई ए की बैठक में मामला रखे जाने को लेकर मुख्यमंत्री के माध्यम से केंद्र को सिफारिश भेजेंगे। गौरतलब हो कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 9 दिसंबर 2019 को इस परियोजना की टेक्निकल क्लीयरेंस हुई थी। जबकि इसी सरकार के कार्यकाल के दौरान ही इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस भी हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जैसे ही इसके लिए फंड रिलीज होता है तो सबसे पहले 580 करोड रुपये कैंपा के खाते में जमा होगा। इसके तुरंत बाद ही परियोजना स्थल पर बाईपास टनल के साथ-साथ सड़कें बनाए जाने का कार्य शुरू होगा।
इस निर्माण के तुरंत बाद ही डैम निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। प्रदेश की जयराम सरकार इस परियोजना के निर्माण कार्य को लेकर अब किसी भी तरह की देरी नहीं करना चाहती है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि इस राष्ट्रीय महत्व की परियोजना में प्रदेश को 40 मेगावाट बिजली तथा दिल्ली व अन्य राज्यों के पेयजल की जरूरतों को पूरा किया जाएगा।बड़ी बात तो यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्रीसे जयराम ठाकुर कुछ अरसा पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एमओयू पर सहमति भी ले चुके हैं।
इस एमओयू के तहत बांध निर्माण के बाद गिरी नदी के प्रवाह में 110 फ़ीसदी जल की वृद्धि भी होगी। यह बांध करीब 148 मीटर ऊंचा होगा तथा इसके जलाशय में 49800 हेक्टेयर मीटर पानी संग्रहित किया जाएगा। काबिले गौर हो कि रेणुकाजी बांध परियोजना का जांच कार्य 1976 में प्रारंभ हुआ था परंतु कुछ कारणवश निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया था। सिंचाई/पेयजल घटक की 90 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार के द्वारा वहन की जाएगी। शेष राशि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्य वहन करेंगे।
उधर, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि इस राष्ट्र महत्व की प्रयोजना के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार इस बात के निर्माण को लेकर कृत संकल्प है। उन्होंने बताया कि आगामी होने वाली कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स में यह मामला रखा जाना है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा भी करेंगे।