हरियाणा के साढौरा में राइस ब्रान तेल से बनाया जा रहा था नकली सरसों का तेल
जिला सिरमौर फूड एंड सेफ्टी विभाग की ओर से गोपाल सरसों के तेल ब्रांड के भरे जाएंगे सैंपल
नाहन। सरसों के तेल के नाम पर राइस ब्रान तेल मिलाकर बनाने वाली फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते कल शुक्रवार को देर शाम हरियाणा सीएम फ्लाइंग टीम के द्वारा हिमाचल की सीमा के साथ लगते हरियाणा के सादिकपुर गांव में गोपाल आयल मिल पर बड़ी कार्यवाही हुई। छापेमारी दल को प्रारंभिक जांच में नामी कंपनियों के नाम से मिलते जुलते 16 तरह के लेवल तेल से भरी बोतलें व टीन मिले।
करीब 15 सालों से अधिक समय से चल रही इस आयल फैक्ट्री में शुद्ध सरसों के तेल के नाम पर मिलावटी तेल पैक किया जाता था। छापेमारी करने वाले दल को मौके से भारी मात्रा में राइस ब्रान खाद्य तेल मिला है।
बड़ी बात तो यह है कि जो सरसों का तेल पैक किया गया था उस पर पैकिंग डेट 2020 की लिखी थी जबकि टाइपिंग 2021 में की जा रही थी। हैरानी तो इस बात की है कि इन पैकिंग पर ट्रेड नंबर भी दर्ज नहीं था।
फैक्ट्री मौके पर मिले मालिक विपिन अदलखा से जब इस बारे में पूछताछ की गई तो वह 16 लेबलों में से केवल चार का ही ट्रेडमार्क लाइसेंस दिखा पाए। यह कार्यवाही सीएम फ्लाइंग के अधिकारी दिनेश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ विपन गोंडवाल तथा हेल्थ सुपरवाइजर विनोद की मदद से हुई। टीम के द्वारा देर रात तक मौके से बरामद खाद्य तेल के सैंपल भी भरे गए।
इस कार्यवाही के बाद ऑयल मिल को सील कर दिया गया है। ग्राहकों की आंख में धूल झुकते हुए पैकिंग पर फिल्टर किए जाने की बात लिखी थी। मगर मौके से जो फिल्टर बरामद किए गए उनकी हालत देखकर लगता था कि इनका कभी इस्तेमाल नहीं किया गया था। हैरान कर देने वाली बात तो यह भी सामने आई कि जिस समय टीम मौके पर पहुंची तो उस समय राइस ब्रान तेल का एक बड़ा टैंकर अनलोड भी किया जा रहा था। जबकि मौके पर आयल मिल के सभी लेबलों पर सरसों का तेल उत्पाद किए जाने की बात लिखी गई थी।
मौके पर मिले साक्ष्यों के अनुसार यह स्थिति तो साफ हो जाती है कि फैक्ट्री के मालिक की मंशा राइस ब्रान ऑयल की आड़ में नकली सरसों तेल बनाकर बेचा जाना प्रमाणित होता है। छापामारी के दौरान आयल मिल के पास से मौके पर कोई बिल बुक तैयार माल का स्टॉक रजिस्टर अथवा कच्चे माल का कोई रिकॉर्ड रजिस्टर भी मौजूद नहीं पाया गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ विपिन गोयल के मांगने पर ऑयल मिल फूड सेफ्टी विभाग का कोई भी क्लीयरेंस प्रमाण पत्र भी नहीं दिखा पाया।
उधर, डॉ विपिन गोयल ने बताया कि फूड सेफ्टी विभाग से सैंपल पास करवाने के बाद ही किसी भी उत्पाद की पैकिंग की जा सकती है। वही हेड कांस्टेबल जितेंद्र ने कार्यवाही करते हुए राइस ब्रान तेल के टैंकर तथा फैक्ट्री गोदाम में मौजूद तैयार तेल के स्टाक को कब्जे में लेकर सील कर दिया है। बरहाल, गोपाल शुद्ध सरसों के तेल के नाम से हिमाचल में भी इसकी बड़े स्तर पर सप्लाई की जाती है। हरियाणा सरकार की इस बड़ी कार्यवाही के बाद हिमाचल में भी हड़कंप मचा हुआ है।
उधर, सहायक आयुक्त फूड एंड सेफ्टी जिला सिरमौर अतुल कायस्थ ने बताया कि विभाग की ओर से गोपाल शुद्ध सरसों के तेल के नाम से बेचे जा रहे खाद्य तेल के सारे सैंपल कार्यवाही के तहत लिए जाएंगे। अगर सरसों के तेल के नाम पर इसमें कोई मिलावट पाई गई तो कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।