
उन्होंने बताया कि जिला में क्षय रोगियों की पहचान के लिए खण्ड स्तर पर 609 टीमों का गठन किया जाएगा जिसमें स्वास्थ्य विभाग की आशा वर्कर व महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाडी कार्यकर्ता और आवश्यकता पडने पर आयुर्वेदिक विभाग के फार्मासिस्ट की सहायता ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिला में 8 स्थानों जिसमें शिलाई, पांवटा साहिब, ददाहू, सरांहा, राजगढ, नोहराधार व संगडाह व मडिकल कॉलेज नाहन में कफ कॉर्नर स्थापित किया जाएगा। जिसमें जिलावासी बलगम की मुफ्त जांच करवा सकते है।
इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकरी डा. वीना सांगल ने आगामी अगस्त माह से आरंभ होने वाले टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत एक्टिव केस फाइंडिंग का प्रारुप प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि जिन लोगों को 2 हफते से अधिक खांसी व बुखार है या वजन कम होना व रात को अधिक पसीना आना, गले में गांठ होना, पेट में दर्द होना व छाती में दर्द होने के लक्षण है तो यह टीबी हो सकता है इसलिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जांच अवश्य करवाएं।
बैठक में जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा, डीपीओ आईसीडीएस राजेन्द्र नेगी, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र ज्ञान सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।