नाहन (हिमाचलवार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज करीब सात हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रही बहुउद्देश्यीय रेणुका जी बाँध परियोजना का वर्चुअली शिलान्यास किया। रेणुका जी में कल हिमाचल पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा रेणुका बांध प्रबंधन कार्यालय परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
रेणुका में वहीं बांध प्रबंधन कार्यालय के बाहर रेणुका बांध विस्थापितों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। दरअसल विस्थापितों ने आज यहां अपनी मांगों को लेकर काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी मगर प्रशासन व स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद उस प्रदर्शन को टाल दिया गया।
मीडिया से बात करते हुए और रेणुका बांध संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला ने कहा कि विस्थापितों की कई ऐसी मांगे हैं जिस पर सरकार द्वारा गौर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 18 सूत्रीय मांगपत्र जिलाधीश सिरमौर और बांध प्रबंधन को समिति द्वारा दिया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ आगामी 2 जनवरी को बैठक करवाने का आश्वासन समिति को दिया गया है और अगर इस बैठक में कोई निर्णय बांध विस्थापितों के हितों में नहीं लिए जाते हैं तो बांध विस्थापितों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
उधर रेणुका बांध परियोजना के उप महाप्रबंधक सुनील ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीसीए क्लीयरेंस को केंद्र से मंजूरी मिल चुकी है और इस बांध परियोजना निर्माण पर करीब 7 हजार 600 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जानी है।
उन्होंने कहा कि विस्थापितों ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन प्रबंधन को सौंपा है अभी जिस पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि जिलाधीश के साथ विस्थापितों की एक बैठक करवाई गई है और जल्द एक बैठक में ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री के साथ आयोजित होने वाली है।
उधर इस बारे में कार्यक्रम में पहुंचे स्थानीय कांग्रेस विधायक विनय कुमार ने रेणुका बांध के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और कहा कि रेणुका बांध एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिससे ना केवल बिजली का उत्पादन होगा बल्कि दिल्ली को पानी भी उपलब्ध होगा।
विनय कुमार ने कहा कि विस्थापितों की मांगों को लेकर वह खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात कर चुके हैं जल्द मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर विस्थापितों की मांगों पर चर्चा की जाएगी।