{श्री रेणुका जी} {राजीव कुमार भट्नोर} 08 फरवरी (हिमाचलवार्ता न्यूज़ ) : – बेटियां हीरे की तरह ही अनमोल होती है, यह बात सोलह फीसदी सच भी है। किन्तु दुख इस बात का होता है कि कुछ लोग इस सत्य को जान -बूझ कर अनसुना कर देते हैं या फिर जान कर भी अनजान बने रहते हैं। ऐसा अक्सर शहरो में देखने को मिलता है लड़की पैदा होने पर मां बाप दुःखी हो जातें हैं तथा लड़कियों को बोझ समझा जाता है पर ग्रामीण क्षेत्रों में बात इसके बिल्कुल उलट है। एक ऐसा ही इलाका है राजगढ़ का जहां बेटी पैदा होने पर भी जश्न मनाया जाता है। दस दिन बाद या फिर एक महीने बाद मनाए जाने वाले इस जश्न में सभी रिश्तेदारों को आमंत्रित किया जाता है। जिस प्रकार की खुशी का इजहार बेटा पैदा होने पर किया जाता है, ठीक उसी प्रकार का समारोह बेटी के लिए भी किया जाता है तथा अनेक प्रकार के व्यंजन बना कर समारोह में शामिल लोगों को परोसे जाते हैं और ये सही भी है!
क्योंकि आज लड़कियां लड़कों से कहीं भी पीछे नहीं है तथा हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर अन्य। आज लड़कियां कार, बस, ट्रक, रेलगाड़ी तथा हवाई जहाज तक चला रही है। लड़कियों की सफलता का सिलसिला यही नहीं थमता,आज राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय खेलो में भी अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही है! आज लड़किया आईएएस तथा आईपीएस अधिकारी के रूप में कार्य कर जंहा देश की प्रशासनिक पदों पर विद्यमान है वहीं डॉक्टर के रूप में भी लड़किया अपनी सेवाएं दे रही है! धरती से लेकर अंतरिक्ष तक लड़कियों ने अपनी सफलता अर्जित की है! इन सब के अलावा देश की राजनीति में संक्रिय भूमिका निभाते हुए अपनी प्रतिभा दिखा रही है! इतना ही नहीं सेना में भी लड़कियां अपने दमखम का लोहा मनवा रही हैं।
इसलिए जो लोग लड़कियों को लड़कों से कमतर आंकते हैं उनके लिए यह एक बहुत बड़ा सबक है। इस बात को कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि लड़कियां मां बाप पर बोझ नहीं बल्कि उनका गर्व है। जो मां बाप का सपना साकार करने में अपना सब कुछ न्योछावर करने में भी कभी पीछे नहीं हटती।