नाहन 08 फरवरी (हिमाचलवार्ता न्यूज़ ) : – सरकारी अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों के निःशुल्क हो रहे डायग्नोस्टिक टेस्ट विशेषकर गरीब लोगों के लिए वरदान सिद्ध हो रहे है । गौर रहे कि पहली अप्रेल, 2021 से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में 56 प्रकार के डायग्नोस्टिक टेस्ट निःशुल्क किए जा रहे हैं जिससे हर वर्ग को राहत मिली है । अन्यथा विशेषकर गरीब लोग टेस्ट के लिए पैसे न होने की सूरत में अस्पताल से निराश घर लौट जाते थे । अनेको ंबार गरीब लोग बिमारी का उपचार करवाने के लिए अपने बहुमूल्य खेत अथवा गहनों को पैसे के लिए गिरवी रख देते थे । इससे पहले लैब टेस्ट की दरें रोगी कल्याण समिति द्वारा तय की जाती थी परंतु सरकारी लैब में 56 प्रकार के टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध नहीं थी ।
बता दें कि यह सुविधा प्रदेश सरकार द्वारा नेशनल स्वास्थ्य मिशन के तहत दी जा रही है । सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क डायग्नोस्टिक जांच की सुविधा प्रदान करने पर आने वाला व्यय नेशनल स्वास्थ्य मिशन द्वारा वहन किया जाता है । सिविल अस्पताल राजगढ़ के वरिष्ठ लैब तकनीशियन नरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि निःशुल्क लैब टेस्ट होने से गरीब लोगों को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है । उन्होने बताया कि लैब में हर माह औसतन 18 से 20 हजार से अधिक विभिन्न बीमारियों के टेस्ट मुफ्त किए जाते है और अस्पताल में 56 प्रकार के डायग्नोस्टिक्स टेस्ट करने की सुविधा उपलब्ध है । उन्होने जानकारी दी कि आईजीएमसी की न्यूनतम दरों के आधार पर बीते दस महीनों का लैब का 19 लाख का बिल नेशनल स्वास्थ्य मिश्न को भेजा गया है ।
गौरतलब है कि बीमारी के इलाज के लिए सबसे ज्यादा पैसा डायग्नोस्टिक टेस्ट पर व्यय होता है । अर्थात प्राईवेट लैब टेस्ट में छोटी सी बीमारी के टेस्ट के लिए हजारों रूपये खर्च हो जातेे है । जब से अस्पतालों में फ्री डायग्नोस्टिक टेस्ट की सुविधा मिली है गरीब आदमी खुले मन से सरकारी लैब के समक्ष अपना टेस्ट करवाने के लिए खड़े हो जाते थे । राजगढ़ अस्पताल में अतीत से ही इस क्षेत्र के अलावा रेणुका निर्वाचन क्षेत्र व सीमा पर लगते सोलन व शिमला जिला के लोगों के लिए उपचार का केंद्र रहा है ।
नरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि राजगढ़ अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रासाॅउंड तथा सीबीसी टेस्ट अर्थात इसमें 20 प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं । इसके अलावा शूगर, आरएफटी, किडनी, यूरिक एसिड, आरए फैक्टर, लिपिड प्रोफाईल, सीआरपी, पेशाब की जांच, गर्भवती टेस्ट, एचआईवी, हेपेटाईटिस-बी, हेपेटाईटिस-सी, एसटीसी इत्यादि 56 टेस्ट निःशुल्क किए जा रहे हैं जबकि खुले बाजार इन टेस्ट पर हजारों रूपये खर्च होते हैं । बताया कि निःशुल्क सुविधा होने पर हर व्यक्ति अपने शरीर के सभी आवश्यक टेस्ट करवाना नहंी भूलते हैं ।
उधर हरिपुरधार, नौहराधार व पझौता से आए अनेक लोगों से जब इस बारे बातचीत की गई तो उन्होने बताया कि यह निःशुल्क जांच सुविधा पहली बार मिल रही है जिसके लिए वह सरकार के आभारी हैं । लोगों की मांग है कि गांव में सीएचसी और पीएचसी तथा उप स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कुछ प्रयोगशाला टेस्ट सुविधा होनी चाहिए ताकि गांव में लोगों को डायग्नोस्टिक जांच के लिए शहर के अस्पतालों में न जाना पड़े । मुफ्त सुविधा होने पर लोगों की भीड़ भी अधिक बढ़ रही है जिस कारण ग्रामीण परिवेश के गरीब लोगों शहर के घर लौटने के लिए देरी हो जाती है और उन्हें मजबूरन प्राईवेट लैब में जाना पड़ता है ।
बता दें कि यह सुविधा प्रदेश सरकार द्वारा नेशनल स्वास्थ्य मिशन के तहत दी जा रही है । सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क डायग्नोस्टिक जांच की सुविधा प्रदान करने पर आने वाला व्यय नेशनल स्वास्थ्य मिशन द्वारा वहन किया जाता है । सिविल अस्पताल राजगढ़ के वरिष्ठ लैब तकनीशियन नरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि निःशुल्क लैब टेस्ट होने से गरीब लोगों को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है । उन्होने बताया कि लैब में हर माह औसतन 18 से 20 हजार से अधिक विभिन्न बीमारियों के टेस्ट मुफ्त किए जाते है और अस्पताल में 56 प्रकार के डायग्नोस्टिक्स टेस्ट करने की सुविधा उपलब्ध है । उन्होने जानकारी दी कि आईजीएमसी की न्यूनतम दरों के आधार पर बीते दस महीनों का लैब का 19 लाख का बिल नेशनल स्वास्थ्य मिश्न को भेजा गया है ।
गौरतलब है कि बीमारी के इलाज के लिए सबसे ज्यादा पैसा डायग्नोस्टिक टेस्ट पर व्यय होता है । अर्थात प्राईवेट लैब टेस्ट में छोटी सी बीमारी के टेस्ट के लिए हजारों रूपये खर्च हो जातेे है । जब से अस्पतालों में फ्री डायग्नोस्टिक टेस्ट की सुविधा मिली है गरीब आदमी खुले मन से सरकारी लैब के समक्ष अपना टेस्ट करवाने के लिए खड़े हो जाते थे । राजगढ़ अस्पताल में अतीत से ही इस क्षेत्र के अलावा रेणुका निर्वाचन क्षेत्र व सीमा पर लगते सोलन व शिमला जिला के लोगों के लिए उपचार का केंद्र रहा है ।
नरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि राजगढ़ अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रासाॅउंड तथा सीबीसी टेस्ट अर्थात इसमें 20 प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं । इसके अलावा शूगर, आरएफटी, किडनी, यूरिक एसिड, आरए फैक्टर, लिपिड प्रोफाईल, सीआरपी, पेशाब की जांच, गर्भवती टेस्ट, एचआईवी, हेपेटाईटिस-बी, हेपेटाईटिस-सी, एसटीसी इत्यादि 56 टेस्ट निःशुल्क किए जा रहे हैं जबकि खुले बाजार इन टेस्ट पर हजारों रूपये खर्च होते हैं । बताया कि निःशुल्क सुविधा होने पर हर व्यक्ति अपने शरीर के सभी आवश्यक टेस्ट करवाना नहंी भूलते हैं ।
उधर हरिपुरधार, नौहराधार व पझौता से आए अनेक लोगों से जब इस बारे बातचीत की गई तो उन्होने बताया कि यह निःशुल्क जांच सुविधा पहली बार मिल रही है जिसके लिए वह सरकार के आभारी हैं । लोगों की मांग है कि गांव में सीएचसी और पीएचसी तथा उप स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कुछ प्रयोगशाला टेस्ट सुविधा होनी चाहिए ताकि गांव में लोगों को डायग्नोस्टिक जांच के लिए शहर के अस्पतालों में न जाना पड़े । मुफ्त सुविधा होने पर लोगों की भीड़ भी अधिक बढ़ रही है जिस कारण ग्रामीण परिवेश के गरीब लोगों शहर के घर लौटने के लिए देरी हो जाती है और उन्हें मजबूरन प्राईवेट लैब में जाना पड़ता है ।