नाहन {संजय सिंह} 09 अप्रैल (हिमाचलवार्ता न्यूज़ ) :- ऐतिहासिक शहर के रियासत कालीन प्रमुख शक्तिपीठ काली स्थान मंदिर में अष्टमी के दिन श्रद्धा का अपार सैलाब उमड़ा। हजारों की तादाद में पड़ोसी राज्य व स्थानीय क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। तो वही पहली बार काली स्थान मंदिर में बेहतर प्रबंधन को लेकर श्रद्धालुओं ने प्रबंधन समिति का आभार जताया। श्री काली स्थान मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा लगातार पिछले 8 दिनों से श्रद्धालुओं के लिए जलपान व्यवस्था के साथ-साथ मां को समर्पित प्रसाद का सार्वजनिक वितरण भी सुनिश्चित किया गया है।
इस बाबत जानकारी देते हुए श्री काली स्थान मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मंदिर में चंदा दान व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर पूर्ण रूप से पारदर्शिता रखी जाती है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन समिति का मुख्य उद्देश्य भक्तों को अधिक से अधिक सुविधा के साथ भगवती के दर्शन हो ऐसी व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 8 दिनों से सप्तशती का निरंतर पाठ चल रहा है। सचिव ने यह भी जानकारी दी है कि रविवार नवमी के दिन हवन व पूर्ण आहुति के साथ नवरात्रे संपन्न होंगे।
हालांकि मंदिर में मां के भक्तों के द्वारा प्रतिदिन भंडारे के भी आयोजन किए जा रहे हैं मगर प्रबंधन समिति के द्वारा 15 अप्रैल चौदस के दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा मंदिर समिति के अध्यक्ष पवन नाथ, उपाध्यक्ष योगेश गुप्ता, सदस्य दुर्गेश चौधरी, सोम प्रकाश शर्मा, अमर सिंह ठाकुर, वीरेंद्र पासी आदि ने भक्तों से अपील करते हुए कहा कि भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने परिवार सहित पधारें। बता दें कि कालिस्थान मंदिर ऐतिहासिक रियासत कालीन मंदिर है।
मंदिर में कभी बलि का भी प्रावधान हुआ करता था मगर अब पिछले कई सालों से मां को केवल हलवा और नारियल का ही भोग लगाया जाता है। मंदिर में जिंदा पशु की बलि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है मगर बलि स्वरूपा बगैर वध के ही मां को पशु समर्पित करने को लेकर कोई मनाही नहीं है।