शिमला ( हिमाचल वार्ता न्यूज)प्री-नर्सरी टीचर भर्ती से पहले आंगनबाड़ी वर्करों को स्कूलों में कोटा देने पर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक रूपाली ठाकुर के साथ पहली बैठक की है। गुरुवार को सचिवालय में हुई इस बैठक में दोनों विभागों में चल रहे कई सवाल उठे हैं। इनसवालों को देखते हुए शिक्षा सचिव ने आंगनबाड़ी वर्करों की शैक्षणिक योग्यता और मानदेय को लेकर कुछ और जानकारी मांगी है। महिला एवं बाल विकास विभाग से पूछा गया है कि वर्तमान में 18925 आंगनबाड़ी केंद्रों में नियुक्त आंगनबाड़ी वर्करों की शैक्षणिक योग्यता क्या है और इन्हें अभी इन्सेंटिव मिलाकर कितना भुगतान हो रहा है? इस बैठक के दौरान एक मुख्य सवाल यह उठा है कि आंगनबाड़ी वर्कर को प्री-नर्सरी के लिए स्कूल में लेने के बाद उसे आंगनबाड़ी केंद्र के तहत भारत सरकार के अन्य कार्यक्रमों का क्या होगा? आंगनबाड़ी में प्री स्कूल एजुकेशन के अलावा गर्भवती महिलाओं की रजिस्ट्रेशन, मॉनिटरिंग, पोषाहार और धात्री महिलाओं को लेकर भी कई तरह के कार्यक्रम चलते हैं? यह भी चर्चा हुई कि यदि आंगनबाड़ी वर्कर को प्री-नर्सरी में लेना है, तो छह महीने का ब्रिज कोर्स भी करवाना होगा।महिला एवं बाल विकास विभाग से एक फीडबैक यह भी रखा गया कि सरकारी स्कूलों की तरह आंगनबाड़ी में भी अब बच्चों की संख्या कम हो रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह शहरी क्षेत्र में खुल रहे प्ले स्कूल हैं। अभिभावक अपने बच्चों को पोषाहार के बजाय इसलिए प्ले स्कूल में भेज रहे हैं, ताकि वे स्कूल जाने से पहले कुछ सीखें। शिक्षा सचिव ने समग्र शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग से इस मामले में कुछ और बिंदु भी बताने को कहा है। आंगनबाड़ी और प्री-स्कूल की को-लोकेशन को लेकर भी बात हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए मैंडेट के दायरे में ही आगे बढ़ाने की बात कही गई है।
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Tuesday, July 8