पी.पी.एस.एल. को अदायगियों के भार से मुक्त करने के लिए कहा
चंडीगढ़। बिजली खरीद समझौतों (पी.पी.एज़) के अंतर्गत कोविड महामारी संकट के मद्देनजऱ लगाए लॉकडाऊन को अप्रत्याशित हालात (फोर्स मैज्यूर) बताते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से अपील की है कि वह पी.एस.पी.सी.एल. को क्षमता खर्चों की अदायगियों के भार से मुक्त करे।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा राज मंत्री (स्वतंत्र भार) राज कुमार सिंह को लिखे पत्र में कहा कि पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोशन (पी.एस.पी.सी.ऐल.) अप्रत्याशित हालात पैदा होने के कारण बिजली के वितरण सम्बन्धी समय सारणी तय करने से असमर्थ है क्योंकि कोविड -19 संकट के कारण राज्य में बिजली की माँग कम हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कोविड 19 महामारी को विशेष हालात बताने वाले अन्य केंद्र सरकार के हुक्मों का हवाला देते हुये कहा कि लॉकडाऊन लागू होना बिजली खरीद करारनामों को पूरा करने की शर्त से मुक्ति प्रदान करता है और इसके साथ ही यह खरीददार समेत पी.एस.पी.सी.एल., को उत्पादक से बिजली का प्रबंध किये जाने की करारनामे के अनुसार शर्त से आज़ाद करता है क्योंकि हालात पी.एस.पी.सी.एल. के हद से बाहर हैं चाहे जितना मर्जी किफ़ायत के साथ चला जाये।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि 24 मार्च, 2020 से राष्ट्रीय स्तर का लॉकडाऊन लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हर तरह के अदारों के कामकाज पर पाबंदियाँ लगा देने के कारण बिजली की माँग बहुत कम हो गई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय की स्थितियों पावर कॉर्पोशन के काबू से बाहरी हालत से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालत के चलते पी.एस.पी.सी.एल. की तरफ से प्रांतीय आई.पी.पीज़ और केंद्रीय क्षेत्र के बिजली प्रोजेक्टों से बिजली लेना तय करना असंभव और अव्यवाहारिक है।
ऊर्जा मंत्रालय के 6 अप्रैल के निर्देशों को तुरंत वापस लेने की माँग करते हुये जिसमें कहा गया था कि ‘पीपीए के अनुसार सामथ्र्य खर्चों का भुगतान करना निरंतर जारी रहेगा, जिस तरह ट्रांसमिशन चार्जों का भुगतान करना जारी है, मुख्यमंत्री ने कहा , ‘वास्तव में फोर्स मजियूर स्थिति के मद्देनजऱ बिजली पैदा करने वालों को नोटिस भेज कर यह बात कही जायेगी कि पी.एस.पी.सी.एल. बिजली लेने में असमर्थ है और इस समय के दौरान सामथ्र्य खर्चों का भुगतान नहीं करेगा।’
जि़क्रयोग्य है कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के खर्चा खरीद नीति डिवीजऩ विभाग ने 19 फरवरी, 2020 को कोविड -19 को एक फोर्स मजियूर घोषित किया था। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे ध्यान दिलाया ‘भारत सरकार ने बिजली एक्ट की धारा 107 के अधीन अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुये 28 मार्च, 2020 के अपने आदेश के अनुसार कहा कि स्थिति को संभालने के लिए केंद्रीय बिजली नियामक आयोग को हिदायत की थी कि केंद्र सरकार की तरफ से कोविड -19 की रोकथाम के लिए 24 मार्च, 2020 के अपने आदेश में लायसेंस बनाने वाली कंपनियाँे और लायसेंस कंपनियाँ की तरफ से लगाईं पाबंदियाँ हटाने के लिए 24 मार्च, 2020 से 30 जून 2020 तक देरी वाली अदायगी के लिए देर से अदायगी सरचार्ज (एलपीएस) की कम दर निर्धारित की जाये।
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Sunday, May 11