राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि शिमला शहर में मई, 2018 में जल संकट का सामना करना पड़ा, जब पानी की आपूर्ति 28 एमएलडी तक कम हो गई थी और मई, 2018 के अन्तिम 10 दिनों में शिमला को पम्प किया गया औसतन पानी घट कर 20 एमएलडी रहा, जबकि मई, 2019 में सरकार के प्रयासों शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) द्वारा 50 एमएलडी पानी को पम्प किया गया। इसके अलावा, सप्ताहांत के दौरान पर्यटकों के आगमन पर पानी की आपूर्ति को पूर्ण क्षमता तक बढ़ाया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि शिमला में पिछले वर्ष मई में सभी निर्माणाधीन कार्यों के कनेक्शनों को बंद किया गया और पानी के नए कनेक्शनों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया गया था। यहां तक कि शिमला में पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सिंचाई के पानी की आपूर्ति को भी बन्द कर दिया था। मई 2018 की तुलना में इस वर्ष किसी भी निर्माणाधीन कार्य के लिए कनेक्शन बंद नही किया गया और सभी निर्माण गतिविधियों को शिमला में अनुमति दी गई है। मई, 2019 में आमजन को नए कनेक्शन देने शुरू कर दिए गए। इस वर्ष कभी भी सिंचाई के लिए पानी बन्द नहीं किया गया तथा मई के महीने में एसजेपीएनएल द्वारा दैनिक जल आपूर्ति सुनिश्चित की गई। मई, 2019 में शिमला में किसी भी प्रकार की पानी की कमी महसूस नही हुई।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पानी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए शिमला शहर को जलापूर्ति प्रदान करने वाले सार्वजनिक नल और भण्डारण टैंकों से प्रतिदिन 20 नमूने एकत्र किए जा रहे हैं।
पिछले वर्ष की तुलना में शिमला के सभी क्षेत्रों के निवासियों को पानी के संकट से राहत दी गई और इससे शिमला में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिला है।