शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति की लाहौल घाटी के लोगों को ‘6 महीने की कैद’ से जल्द ही मुक्ति मिलेगी। सामरिक महत्व की रोहतांग सुरंग बनकर लगभग तैयार है और अब इसके काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सुरंग को जनता को समर्पित करने की स्थायी तिथि घोषित कर दी गई है। प्रदेश के जनजातीय विकास व कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने आज शिमला में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरंग का 25 दिसंबर को लोकार्पण करेंगे। उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन ने 25 दिसंबर तक इस सुरंग का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
रामलाल मारकंडा ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मास्टर ट्रेनरों को देसी गाय दी जाएगी। ट्रेनर देसी गाय के गोबर से घोल तैयार कर उसे गांव के लोगों को उपलब्ध करवाएगा। सरकार का लक्ष्य इस साल 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का है। प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए कुल 45 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है, जिसमें से 28 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जायका का 1100 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट दिसम्बर माह से पूरे प्रदेश में शुरू होगा। इससे पहले 321 करोड़ रुपए का जायका प्रोजेक्ट 5 जिलों में चल रहा था जो अब समाप्त होने वाला है। उन्होंने कहा कि कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत किसान या खेतीहर मजदूर को किसी दुघर्टना से नुकसान की एवज में राहत का प्रावधान किया गया है। इसके तहत यदि खेतों में पॉवरटिलर या अन्य उपकरण चलाते समय खेतीहर मजदूर या किसान की मौत हो जाए तो उसे 3 लाख की राहत राशि दी जाती है।
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Friday, March 29