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    Home»हिमाचल प्रदेश»सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
    हिमाचल प्रदेश

    सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

    By Himachal VartaOctober 12, 2019
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    नाहन। नाहन की कुंजना सिंह के साथ अन्य एक्टाविस्टों अनुन धवन और ईशान धवन द्वारा भारत के उच्चतम न्यायालय में लोकहित याचिका बच्चों को दिए जाने वाले उचित तरीके से पोशक नहीं दिए जाने पर दायर की है जिस पर उच्चतम न्यायालय के आदरनीय न्यायाधीश एन.वी. रमन के नेतृत्व में खण्डपीठ ने केन्द्र सरकार को नोटिस भेज कर जांच करने की अपनी सहमति दी है कि देश में भुखमरी का शिकार इस लिए हो रहा है कि वे मात्र जीने के लिए खाने से होता है। उन्होंने न्यायालय से मांग की है कि सामाजिक रसोई की स्थापना की जाए ताकि बच्चों को पोशक भोजन उपलब्ध कराया जा सके। उच्चतम न्यायालय में दायर करने वाली वकील मनदाकिनी सिंह और आशिमा मण्डला ने बताया कि 4,500 की मृत्यु हर साल पूरे देश में मात्र इसलिए हो रही हैं कि उन्हें सही भोजन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि तामिल नायडू में अम्मा किचन वहां के लोगों के लिए चलाया जा रहा हे और इसी तरह अन्नपूर्णा रसोई राजस्थान में, इंदिरा कैंटीन करनाटका में, आम आदमी कैंटीन दिल्ली में, अन्ना कैंटीन आन्ध्रा प्रदेश में, मुख्य मंत्री धालभात उत्तर प्रदेश में और आहार सैंटर उडी़सा में सस्ता राशन गरीबों को देने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को पेट भरने का अधिकार सभी नागरिकों का है जिसे सरकार को उपलबध कराना होता है ताकि कोई भी देश में भूखा नहीं रहे। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही हैरानगी की बात है कि देश में इतना ज्यादा अनाज बेकार में फैंका जाता है जिस से अमरीका देश की जनता पेट भर सकती है मगर हमारे देश में इस पर कोई भी रोक नही है। उन्होंने कहा कि देश में हर साल केन्द्र सरकार द्वारा अनाज का भण्डार सस्ते रेट पर किसानों से लिया जाता है मगर उसे हिफासत में सरकारी एजेंसियों द्वारा रखा नहीं जाता जिस कारण हजारों टन अनाज बरसात की भेंट जड़ जाता है और सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्यावाही नहीं करती उन्होंने कहा कि सरकार पूरे देश में विभिन्न प्रदेशों में स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को मिड-डे मील पर 192 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है मगर उन्हें पोषिक आहार नहीं मिल रहा है जबकि बच्चों को पोषिक आहार दिया जाना जरूरी है ताकि बच्चों का दिमाग उन की आयु के आधार पर तेज हो सके।
    पत्रकारों से बात करते हुए कुंजना सिंह, वकील मनदाकिनी सिंह और आशिमा मण्डला।

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