चंडीगढ़। कुलपति और सिंडिकेट के बीच ढाई महीने की खींचतान और मनमुटाव के बाद पंजाब विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक ‘सौहार्दपूर्ण’ माहौल में हुई, जिसमें पिछले महीने के एजेंडा के अलावा टेबल एजेंडा भी क्लीयर कर लिया गया और वह भी पहले के मुकाबले कम वक्त की बैठक करके। कुलपति प्रो. राज कुमार भी बैठक में आज नरमी से पेश आये। पंजाब विश्वविद्यालय ने कैंपस के टीचर्स की तरह कालेज प्रिंसिपलों को 65 साल की आयु तक अब तक मिलने वाला सेवा विस्तार समाप्त कर दिया है। किसी भी कालेज के प्रिंसिपल चाहे वह कांस्टीचुएंट कालेज हो या एफिलिएटिड, 60 साल के बाद कोई सेवा विस्तार नहीं दिया जायेगा। हालांकि जिन्हें एक्सटेंशन दी जा चुकी हैं, वे काम करते रहेंगे। बीएड कालेजों के प्रिंसिपल को डिग्री कालेज में और डिग्री कालेज के प्रिंसिपल को बीएड में न लगाये जाने पर भी रजामंदी हो गयी, इसके लिये कुछ औपचारिकताओं को जल्द एग्जामिन कर लिया जायेगा। इसी के साथ सिंडिकेट ने कालेजों को पेंडिंग फीस व ड्यूज पीयू को जमा कराने के लिये और 7 कार्य दिवस का वक्त देने का फैसला लिया है। साथ ही सभी कांस्टीचुएंट कालेजों में गेस्ट/कांट्रेक्ट पर टीचरों को फुल सैलरी पर टेम्परेरी रखने का फैसला लिया गया। पता चला है कि कैंपस में फैकल्टी के जिन 26 पदों को भरने पर ठनी थी, अब बात बनती नजर आ रही है। तीन पदों को क्लीयर कर दिया गया है जबकि 9 पद रोस्टर के चक्कर में फंस सकते हैं।
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Sunday, May 5