नाहन। श्री रेणुकाजी मेले का स्तर अंतर्राष्ट्रीय न होकर इस वर्ष जिला स्तरीय मेला बना दिया गया है । यह बात रेणुका निर्वाचन क्षेत्र के विधायक विनय कुमार ने विशेष बातचीत के दौरान कही है । उन्होने कहा कि इस बार मेले में आए लोग अच्छे कलाकारों को सुनने से वंचित रह गए और पिछले कई वर्षो से मेले में आ रहे लोक कलाकार ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा बने ।
विनय कुमार का कहना है कि प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेले की फेरिहस्त में कूल्लू दशहरा, लवी मेला, शिमला समर फेस्टिवल, मिंजर मेला और श्री रेणुकाजी मेला शामिल है परन्तु जिस प्रकार रेणुका मेला का स्तर गिरा है वह अपने आप में चिंता का विषय है । उनका कहना है कि इस बार बॉलीबुड के किसी कलाकार तक को नहीं बुलाया गया जबकि उनके द्वारा इस मेले में बॉलीबुड के कलाकारों को लाने का प्रचलन आरंभ किया गया था ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेले की गरिमा बनी रहे और लोगों को कार्यक्रम में नयापन देखने को मिल सके। परन्तु इस बार भी उन्ही प्रदेश व जिला के लोक कलाकार को बुलाया गया जो पिछले 6-7 वर्षों से लगातार रेणुका मेले में प्रोग्राम देते आए है अर्थात मेले की सांस्कृतिक संध्या में वही घिसे पीटे कलाकार कार्यक्रम देते रहे जिन्हें लोग बार बार देखते आए हैं ।
स्थानीय विधायक का कहना है कि इस बार कलाकारों की ऑडिशन करवाई गई जोकि मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम की गुणवता के स्तर की दिशा में एक बेहतरीन कदम था । परन्तु इस ऑडिशन करवाने से सांस्कृतिक कार्यक्रम के स्तर में कोई नयापन देखने को नहीं मिला । अतीत की भांति कलाकारों की मंच पर भीड़ देखने को मिली और कलाकार पांच मीनट में एक गीत सुनाकर मंच से टा-टा-बॉय करते देखे गए जिससे लोग काफी बोर हो गए । उन्होने कहा कि कलाकारों के चयन में सिफारिशों न होने के जिला प्रशासन के दावे खोखले साबित हुए और अन्य जिला के कलाकारों को बिना ऑडिशन से ही अनुमति दी गई । उन्होने कहा कि कलाकारों के चयन में यदि भाई-भतीजावाद करना था तो ऑडिशन करवाने का नया ड्रामा रचने की प्रशासन को क्या जरूरत पड़ गई ।
विनय कुमार का कहना है कि कूल्लू दशहरा, मिंजर मेला चंबा, समर फेस्टिवल शिमला, लवी मेला का आज भी अंतराष्ट्रीय स्तर बरकरार है । कूल्लू दशहरा में तो बॉलीबुड के अलावा देश विदेश के कलाकारों को भी आंमत्रित किया जाता है इसके अतिरिक्त कूल्लू दशहरा में कूल्लू नाटी का बड़े स्तर पर प्रर्दशन किया जाता है जिसमें जिला के हजारों लोक कलाकार भाग लेते हैं । इसी प्रकार लवी मेला कालांतर से व्यापारिक मेले और शिमला समर फेस्टिवल बॉलीबुड के कलाकारों के लिए अतीत से प्रसिद्ध है । उनका कहना है कि रेणुका मेले के लिए आय की कमी नहीं है लाखों का ग्रांऊंड रेंट मेला समिति को आता है इसके अतिरिक्त स्मारिका और अन्य संसाधन मेले के लिए अतीत से जुटाए जाते रहे हैं ।
विधायक ने मेला समिति से आग्रह किया है कि रेणुका मेले की अंतराष्ट्रीय स्तर की गरिमा अतीत की भांति बनाई रखी जानी चाहिए ताकि मेले में आए लोगों को कुछ नया देखने को मिले ।
सिरमौर जिला के अनेक कलाकारों ने ऑडिशन में कमेटी सस्दयों पर भाई भतीजावाद करने का आरोप लगाया । कलाकारों का कहना है कि ऑडिशन एक आईवाश था जबकि शिमला से आए अनेक ऐसे कलाकार थे जिन्हें संगीत व गायन इत्यादि का ज्ञान तक नहीं था ।
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Saturday, May 4