1 किलोमीटर लंबी सड़क की टारिंग में 1 टन पॉलीथिन वेस्ट की होगी खपत
नाहन मंडल ने शुरू किया ढिमकी मंदिर-भूडपुर-कूंन संपर्क सड़क की टारिंग का काम
उपायुक्त ने मौके पर पहुंचकर लिया जायजा
नाहन। पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके पॉलिथीन को ठिकाने लगाने की दिशा में सिरमौर जिला ने अपने कदम बढ़ा लिए हैं। पॉलिथीन मुक्त जिला सिरमौर अभियान को अमलीजामा पहनाने और उसके बेहतरीन परिणाम सामने लाने के मकसद से पॉलिथीन वेस्ट का उपयोग करके जिला सिरमौर की सड़कों को पक्का करने के काम शुरू हो गया है। इस मुहिम से जहां पॉलिथीन वेस्ट को ठिकाने लगाया जा सकेगा, वहीं जिला सिरमौर की सड़कें भी चकाचक होंगी।
लोक निर्माण नाहन मंडल के तहत आज ढिमकी मंदिर-भूडपुर-कूंन संपर्क सड़क के 1 किलोमीटर लंबे हिस्से की टारिंग का कार्य पॉलीथिन वेस्ट का उपयोग करके बाकायदा शुरू भी हो गया। इस मौके पर सिरमौर के उपायुक्त डॉ आरके परुथी स्वयं मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि इस 1 किलोमीटर लंबी सड़क की टारिंग के कार्य में 1 टन पॉलीथिन वेस्ट का उपयोग किया जाएगा। इस काम में मिलाए जाने वाले तारकोल का 8 फीसदी पॉलिथीन वेस्ट रहता है।
सड़क को पक्का करने के काम में पॉलिथीन वेस्ट के उपयोग होने से जहां पॉलिथीन को व्यवहारिक तौर पर ठिकाने लगाने में मदद मिलेगी इसके अलावा पॉलिथीन वेस्ट के उपयोग से बनने वाली पक्की सड़क की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी रहती है । विशेष तौर से ठंडे तापमान और पानी से होने वाले नुकसान के मामले में भी इस तरह की सड़कें मुफीद साबित होती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि टारिंग में एक तरह की प्लास्टिक कोटिंग हो जाती है और वह पक्की सड़क की उम्र को बढ़ा देती है।
यदि खर्च की भी बात की जाए तो टारिंग के काम में लगने वाले तारकोल की मात्रा भी 1 फीसदी कम हो जाती है। पॉलीथिन मुक्त अभियान में जिले में अधिकाधिक पॉलिथीन वेस्ट के एकत्रीकरण, उसकी श्रेडिंग (महीन टुकड़ों का मिश्रण तैयार करना ) और बाद में सड़कों की टारिंग के काम में उपयोग को खास तवज्जो के तौर पर शामिल किया गया है। लोक निर्माण विभाग को इस दिशा में प्रभावी कार्य योजना के तहत काम करने के लिए कहा गया है।
नाहन मंडल के अधिशासी अभियंता विजय अग्रवाल ने कहा कि पॉलिथीन वेस्ट युक्त तारकोल को बिछाने से पहले और बिछाने के दौरान तापमान को भी पूरी तरह से मेंटेन किया जा रहा है ताकि सड़क की गुणवत्ता लंबे समय तक बरकरार रह सके। मिश्रित सामग्री की 33 मिलीमीटर की लेयर बिछाई जाती है जो रोलिंग के बाद 25 मिलीमीटर तैयार होती है।
इस मौके पर लोक निर्माण के सहायक अभियंता दलबीर राणा भी मौजूद रहे।
नाहन मंडल ने शुरू किया ढिमकी मंदिर-भूडपुर-कूंन संपर्क सड़क की टारिंग का काम
उपायुक्त ने मौके पर पहुंचकर लिया जायजा
नाहन। पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके पॉलिथीन को ठिकाने लगाने की दिशा में सिरमौर जिला ने अपने कदम बढ़ा लिए हैं। पॉलिथीन मुक्त जिला सिरमौर अभियान को अमलीजामा पहनाने और उसके बेहतरीन परिणाम सामने लाने के मकसद से पॉलिथीन वेस्ट का उपयोग करके जिला सिरमौर की सड़कों को पक्का करने के काम शुरू हो गया है। इस मुहिम से जहां पॉलिथीन वेस्ट को ठिकाने लगाया जा सकेगा, वहीं जिला सिरमौर की सड़कें भी चकाचक होंगी।
लोक निर्माण नाहन मंडल के तहत आज ढिमकी मंदिर-भूडपुर-कूंन संपर्क सड़क के 1 किलोमीटर लंबे हिस्से की टारिंग का कार्य पॉलीथिन वेस्ट का उपयोग करके बाकायदा शुरू भी हो गया। इस मौके पर सिरमौर के उपायुक्त डॉ आरके परुथी स्वयं मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि इस 1 किलोमीटर लंबी सड़क की टारिंग के कार्य में 1 टन पॉलीथिन वेस्ट का उपयोग किया जाएगा। इस काम में मिलाए जाने वाले तारकोल का 8 फीसदी पॉलिथीन वेस्ट रहता है।
सड़क को पक्का करने के काम में पॉलिथीन वेस्ट के उपयोग होने से जहां पॉलिथीन को व्यवहारिक तौर पर ठिकाने लगाने में मदद मिलेगी इसके अलावा पॉलिथीन वेस्ट के उपयोग से बनने वाली पक्की सड़क की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी रहती है । विशेष तौर से ठंडे तापमान और पानी से होने वाले नुकसान के मामले में भी इस तरह की सड़कें मुफीद साबित होती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि टारिंग में एक तरह की प्लास्टिक कोटिंग हो जाती है और वह पक्की सड़क की उम्र को बढ़ा देती है।
यदि खर्च की भी बात की जाए तो टारिंग के काम में लगने वाले तारकोल की मात्रा भी 1 फीसदी कम हो जाती है। पॉलीथिन मुक्त अभियान में जिले में अधिकाधिक पॉलिथीन वेस्ट के एकत्रीकरण, उसकी श्रेडिंग (महीन टुकड़ों का मिश्रण तैयार करना ) और बाद में सड़कों की टारिंग के काम में उपयोग को खास तवज्जो के तौर पर शामिल किया गया है। लोक निर्माण विभाग को इस दिशा में प्रभावी कार्य योजना के तहत काम करने के लिए कहा गया है।
नाहन मंडल के अधिशासी अभियंता विजय अग्रवाल ने कहा कि पॉलिथीन वेस्ट युक्त तारकोल को बिछाने से पहले और बिछाने के दौरान तापमान को भी पूरी तरह से मेंटेन किया जा रहा है ताकि सड़क की गुणवत्ता लंबे समय तक बरकरार रह सके। मिश्रित सामग्री की 33 मिलीमीटर की लेयर बिछाई जाती है जो रोलिंग के बाद 25 मिलीमीटर तैयार होती है।
इस मौके पर लोक निर्माण के सहायक अभियंता दलबीर राणा भी मौजूद रहे।