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    Home»हरियाणा»सूरजकुंड मेला में हिस्सा लेने से हिमाचल में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
    हरियाणा

    सूरजकुंड मेला में हिस्सा लेने से हिमाचल में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

    By Himachal VartaFebruary 1, 2020
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    शिमला। अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन व नागरिक उड्डयन आरडी धीमान ने कहा कि हरियाणा पर्यटन के सहयोग से सूरजकुंड में थीम स्टेट के रूप में मिनी हिमाचल प्रदर्शित किया गया है। मेले में आने वाले पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश की संपूर्ण झलक और अनुभव प्राप्त होगा। उन्हें यहां हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों के व्यंजन का लुत्फ लेने के साथ-साथ, लोक नृत्य, लोक गीत और हिमाचली पहरावे की झलक देखने को मिलेगी। यह बात उन्होंने आज 34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला के अवसर पर आयोजित प्रेस मीट के दौरान कही।
    उन्होंने कहा कि इस शिल्प मेला के माध्यम से एक ही स्थान पर पर्यटन, हथकरघा, हस्त शिल्प, सांस्कृतिक धरोहर और अन्य हिमाचली उत्पादों को बढ़ावा देने का अवसर प्राप्त होगा। इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिल्प मेले में हिस्सा लेने से निश्चित रूप से हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में हिमाचल प्रदेश को थीम स्टेट के रूप में हिस्सा लेने का मौका प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त किया।
    यह शिल्प मेला शिल्पकारों को उनकी कला और शिल्प को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों व पर्यटकों के सामने प्रदर्शित करने का बेहतरीन मंच है और इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
    इस शिल्प मेले में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से 70 शिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें हथकरघा, हस्तशिल्प सहित एचपीएमसी और अन्य हिमाचली उत्पाद भी सम्मिलित किए गए हैं। सूरजकुंड मेला ग्राउंड की चैपाल में हिमाचली कलाकारों ने प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक प्रस्तुत की। इस मेले में राज्य के प्रत्येक जिला से आए 17 सांस्कृतिक दल रोजाना पारंपरिक वाद्य यंत्रों से अपनी प्रस्तुतियां देंगे। मेले के दौरान हर जिला के व्यंजन भी आगंतुकों के लिए मुख्य आकर्षण होंगे।
    आरडी धीमान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थल, लोक गीत, लोक नृत्य, पारंपरिक व्यंजन, हथकरघा व हस्तशिल्प तथा अन्य परिसंपत्तियां राज्य को विशिष्ट पहचान दिलाती हैं। उन्होंने कहा कि नई पर्यटन नीति-2019 अधिसूचित की जा चुकी है, जो इन परिसंपत्तियों के दृष्टिगत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से केंद्रित है। इसके माध्यम से इको टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, स्नो टूरिज्म, जलाशय पर्यटन, साहसिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन और फिल्म आधारित पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
    इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय के सचिव (पर्यटन) तथा उज्वेकिस्तान के राजदूत को हिमाचली शाॅल और टोपी से सम्मानित किया।
    निदेशक पर्यटन यूनुस ने हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यटन) को परंपरागत हिमाचली टोपी और शाॅल से सम्मानित किया।

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