अरसे बाद भाजपा दिग्गज रही श्यामा शर्मा के निवास पर उमडा ब्राह्मणों का हुजूम,, लंबे समय से ब्राह्मणों पर लगी राजनीतिक इमरजेंसी को जग गई है आजादी की आस
नाहन। करीब एक दशक से ज्यादा समय के बाद नाहन का छोटा दीप कमल कहे जाने वाले भाजपा नेत्री के निवास स्थान पर जो भारी भीड़ नजर आई है उससे तो यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि जिला सिरमौर में अभी भी ब्राह्मण वर्ग श्यामा शर्मा में अपनी जमीन तलाश रहा है।
संभवत कहा जा सकता है भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष में आस्था रखने वाला हाशिए पर रहा एक बड़ा धड़ा फिर से सक्रिय होने लग पड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के साथ महेंद्र सोफत ,राधा रमन शास्त्री और पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा का एक स्थान पर इकट्ठे होना और जिला के एक बड़े स्तर पर ब्राह्मणों का इकट्ठा होना कहीं ना कहीं 2022 की ओर इशारा कर रहे हैं।
इसमें भले ही इन तीनों में कोई टिकट का दावेदार ना हो मगर राजनीति में नाराज चल रहे ब्राह्मण वर्ग को फिर से एकजुट करने का जो सफल प्रयोग श्यामा शर्मा के निवास स्थान पर हुआ है वह कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी भी हो सकता है।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने पत्रकार वार्ता के दौरान बड़े ही नपे तुले शब्दों में कहा कि मैं आज तीर्थ यात्रा पर हूं। उन्होंने कहा कि नाहन की सेंट्रल जेल में मैंने 19 महीने बिताए हैं। उन्होंने फिर से यहां यह कहा कि महेंद्र सोफत, राधा रमण शास्त्री तथा श्यामा शर्मा पूर्व मंत्री भी है और पूर्व कैदी भी। मेरे साथ मंत्री भी रहे हैं और मेरे साथ जेल में भी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जेल की दीवारों ने हमें टूटने नहीं दिया बल्कि हम और अधिक सघन और सशक्त होकर निकले । उनका इशारा बिल्कुल स्पष्ट था कि अब ब्राह्मण वर्ग प्रदेश में बिल्कुल भी हाशिए पर नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण वही है जो ब्रह्म को जानता है और आज प्रदेश का एक ब्राह्मण युवा दुनिया की सबसे बड़ी और मजबूत पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व कर रहा है।
बता दें कि जिला सिरमौर के ब्राह्मणों में जो इस समय सबसे चर्चित विषय चल रहा था वह श्यामा शर्मा को लेकर था। कई दिग्गज ब्राह्मण अक्सर दबी जुबान में कह देते हैं की श्यामा शर्मा ना केवल प्रदेश स्तर की बल्कि राष्ट्रीय स्तर की काबिलियत रखती थी। मगर उनके खिलाफ जिस तरीके से दुष्प्रचार किए गए उस का सबसे बड़ा नुकसान ब्राह्मणों को ही हुआ है।
संभवत राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष प्रदेश की राजनीति और उसमें सिरमौर का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि यहां से ही अब प्रदेश भाजपा का नेतृत्व डॉक्टर बिंदल कर रहे हैं। जाहिर है ऐसे में साउथ पोल और नॉर्थ पोल को कैसे पॉजिटिविटी में बदलना है यह भी मिशन 2022 के लिए बड़ा जरूरी है।
यहां यह भी बता दें कि पूर्व सांसद रहे वीरेंद्र कश्यप के चुनाव प्रचार के दौरान कोलर में खुद स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने श्यामा शर्मा के संबोधन में कहा था इनसे मैंने राजनीति में बहुत कुछ सीखा है। इसमें भी कोई शक नहीं है की राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा यह भी अच्छी तरह जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए श्यामा शर्मा का नाम कोई नया नहीं है।
प्रदेश में भाजपा का ध्रुवीकरण ना हो और ईमानदार छवि वाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की राजनीतिक कुर्सी के जातीय समीकरण पावे पूरी तरह से मजबूत हो संभवत ऐसा ही कोई फार्मूला आने वाले समय के लिए नजर आ रहा है।
बरहाल बहाना भले नाहन जेल विजिट करने का हो मगर कहीं ना कहीं ब्राह्मण वर्ग को भाजपा एकजुट करने में और उन में चल रही नाराजगी को दूर करने के लिए जिस प्रकार गुमनामी में चल रही श्यामा शर्मा को पुनः जागृत किया है उससे यह तो तय हो गया है कि सिरमौर का नाम अब काफी चर्चित हो चला है। और भाजपा को 2022 का मिशन रिपीट हर हालत में संभव बनाना है।