कालाअंब से आ रहे ट्रक चालकों को क्वॉरेंटाइन करने की अपील
नाहन। कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए गए राष्ट्रीय लॉक डाउन के बीच उपमंडल संगड़ाह में धड़ल्ले से चूना पत्थर ट्रकों की आवाजाही पर पर क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमियों ने आपत्ती जताई।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किंकरी देवी के पौत्र एवं पंचायत के वार्ड सदस्य विजेंद्र कुमार तथा पर्यावरण प्रेमी बबलू चौहान ने यंगवार्ता को कहा कि, उपमंडल संगड़ाह की चूना खदानों से हर रोज निकल रहे दो दर्जन के करीब लाइमस्टोन ट्रकों की इन दिनों नियमित जांच के लिए यहां विभाग का कोई भी कर्मचारी लाकडाउन के चलते मौजूद नहीं है।
उन्होंने कहा कि, पिछले चार दिनों से उपमंडल संगड़ाह में करीब 517 बीघा भूमि पर मौजूद खदानों में से तीन माइन से हर रोज बिना जांच किए चूना पत्थर के ट्रक धड़ले से निकल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, खनन विभाग की वजाय प्रशासन द्वारा करवाए जा रहे खनन अथवा स्टाक निकालने के उक्त कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए हर रोज़ चूना खदानों की वीडियोग्राफी कराई जानी चाहिए ताकि नया खनन कार्य न हो।
उन्होंने कहा कि, मुर्गी दाना अथवा कैटल फीड के लिए उक्त अनुमति देने वाले अधिकारियों को इस बात की जानकारी भी देनी चाहिए कि, प्रतिदिन कुल कितने ट्रक गए और इनसे कितना फीड तैयार हुआ।
बयान में उन्होंने कहा कि, गत पहली अप्रैल को कालाअंब से लौट रहे इसी क्षेत्र के दो छात्रों को जहां पुलिस प्रशासन द्वारा 15 अप्रेल तक क्वारेंटाईन सैंटर संगड़ाह में रखा गया, वहीं हर रोज कालाअंब से आ रहे चूना पत्थर ट्रकों के ड्राइवर अथवा क्लीनर को क्वारेंटाइन न कर क्षेत्रवासियों की सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है।
उनके मुताबिक चालकों को 14 दिन के लिए नियमानुसार क्वारेंटाइन किया जाना चाहिए। उधर संगड़ाह के मंडोली व बोरली में मौजूद चूना खदानों को परोक्ष रूप से चला रहे रविंद्र यादव तथा वालिया माइन्स के प्रबंधक डीके सिन्हा के अनुसार एसडीएम संगड़ाह की अनुमति के मुताबिक एक ट्रक से दिन में एक से ज्यादा चक्कर भी लगाए जा सकते हैं।