नाहन। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते हिमाचल प्रदेश में किसानों बाागवानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। लॉकडाउन के कारण मशरूम उत्पादकों को भी भारी नुकसान पहुंचा है और अब यह सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है। लॉकडाउन के कारण मशरूम उत्पादक मशरूम की सप्लाई नहीं कर पाए जिससे उन्हें आर्थिक तौर पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है मशरूम उत्पादकों का कहना है कि भारी मात्रा में मशरूम खराब हो गई। इनका कहना है कि ठीक है जैसे ही मशरूम का सीजन शुरू हुआ उसी समय देश भर के भीतर लॉक डाउन हो गया। जिसके कारण सप्लाई पर पूरी तरह से रोक लग गई। इनका कहना है कि मशरूम के लिए तैयारियां 2 महीने पहले ही शुरू हो जाती है इसलिए लाखों रुपए तैयारियों पर खर्च कर दिए थे।
मशरूम उत्पादक राजेंद्र भंडारी ने बताया कि उनके मशरूम की सप्लाई चंडीगढ़ और दिल्ली में होती थी जहां से उनको काफी अच्छे दाम मिलते थे मगर इस बार यह सप्लाई नहीं हो पाई। उत्पादकों का कहना है कि 20 मार्च से लेकर 30 अप्रैल तक का ऐसा समय रहता था जब वह मशरूम की सबसे ज्यादा डिमांड रहती थी। उत्पादको का कहना है कि अब उन्हें स्थानीय स्तर पर मशरूम बेचने की अनुमति जरूर मिली है मगर यहां मशरूम की कम डिमांड रहती है और यहां मशरूम कम दामों पर बिक रहे हैं जिससे वह पैसा भी पूरा नहीं हो पा रहा है जो उन्होंने मशरूम के उत्पादन के लिए खर्च किया था।
मशरूम उत्पादको ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है उनका कहना है कि मशरूम उत्पादन में लाखों रुपए बिजली का बिल आ जाता है ऐसे में सरकार बिजली के बिलों को माफ करें साथ ही यहां काम कर रहे मजदूरों को भी राहत प्रदान करे। कुल मिलाकर मशरूम उत्पादकों के लिए वैश्विक कोरोना महामारी मुसीबत बनकर आई है जिसके कारण उस्ताद को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और इससे इनकी चिंताएं बढ़ना लाजमी है।