अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस
नर्सें स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का मज़बूत स्तंभ हैं-बलबीर सिंह सिद्धू
चंडीगढ़। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके के पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने राज्य भर में नर्सों द्वारा नोवल कोरोनावायरस बीमारी के विरुद्ध जंग में किए जा रहे यत्नों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्टाफ, जो कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का मज़बूत स्तंभ हैं, के समर्थन के बिना कोविड-19 के विरुद्ध जंग जीतने की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
स. बलबीर सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा ट्वीट किए एक ताज़ा वीडियो का जि़क्र किया, जिसमें नर्सें कोविड के मरीज़ों के मनोबल को ऊँचा उठाने के लिए सख़्त यत्न कर रही हैं और उनको सरकारी अस्पताल के आईसोलेशन वॉर्ड में गिद्दा डालते हुए देखा गया, जो उनकी सख़्त मेहनत और ड्यूटी के प्रति समर्पण को दिखाता है। उन्होंने कहा कि वह नर्सों द्वारा संकट की इस घड़ी में किए जा रहे कार्यों को सलाम करते हैं। यहाँ तक कि उनको अपने पारिवारिक सदस्यों को संक्रमण के डर से इस नाज़ुक समय के दौरान अपनी ड्यूटी निभाते हुए अपने परिवार से दूर रहना पड़ रहा है और वह कोविड-19 के विरुद्ध जंग में योद्धाओं की तरह अपनी ड्यूटी निभा रही हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि यह एक नर्स है जो बिना किसी पक्षपात के मरीज़ का इलाज करती है और डॉक्टर की ड्यूटी एक नर्स के बिना अधूरी है, क्योंकि वह अस्पताल में एक सलाहकार की तरह काम करती है।
जि़क्रयोग्य है कि अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस जि़ला अस्पताल मोहाली में मनाया गया, जहाँ परिवार कल्याण के निदेशक डॉ. प्रभदीप कौर जौहल ने स्टाफ नर्सों को गुलाब भेंट करके सम्मानित किया। लेबर रूम और एस.एन.सी.यू. के सभी सेफ डिलीवरी चैंपियनज़ को सेफ डिलीवरी चैंपियन बैच और गुलाब भेंट किए गए। उन्होंने कहा कि स्टाफ नर्सें स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ की हड्डी हैं और ख़ासकर कोविड-19 संकट के दौरान उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए स्टाफ अथक मेहनत कर रहा है।
इस मौके पर डॉ. अरीत एस.एम.ओ. इंचार्ज, जि़ला अस्पताल मोहाली और डॉ. इंदरदीप कौर, प्रोग्राम अफ़सर एम.सी.एच. भी मौजूद थे, जिन्होंने ने स्टाफ नर्सों द्वारा दी जा रही सेवाओं की सराहना की। डॉ. अरीत ने कोविड-19 के दौरान सहायता प्रदान करने और इस समय के दौरान एम.सी.एच. और टीकाकरण जैसी सभी ज़रूरी सेवाओं को बनाए रखने के लिए हैल्थ केयर स्टाफ की सराहना की।
बताने योग्य है कि यह दिवस फ्लोरेंस नाईटिंगेल के जन्म की याद में मनाया जाता है, एक नर्स जिसने 1853-56 में क्रीमिया युद्ध के दौरान सैनिकों की देखभाल के लिए दिन-रात काम किया और अपनी टीम का नेतृत्व किया और अस्पताल में मृत्यु दर को दो तिहाई तक घटा दिया। इटरनैशनल काऊंसिल ऑफ नर्सिंग द्वारा 1965 में पहला नर्सिंग दिवस मनाया गया था और 1974 में इस परिषद ने फ्लोरेंस नाईटिंगेल की जयंती पर नर्स दिवस मनाने की मुज़ूरी दी थी और यह नर्स दिवस उसकी 200वीं जयंती है। इस दिवस के लिए इस साल का विषय ‘नर्सिंग द वल्र्ड टू हैल्थ’ है, जो इन हालातों में पूरी तरह प्रासंगिक है।