नोवेल कोरोना वायरस (कोविड 19)
लुधियाना लाए गए 25 श्रद्धालुओं को मैरीटोरियस स्कूल स्थित आइसोलेशन सैंटर में रखा
श्रद्धालुओं ने कहा दिल्ली की अपेक्षा पंजाब में प्रबंध बहुत बढ़िया
अब तक 135 श्रद्धालुओं को किया जा चुका है गाँवों या घरों में एकांतवासः डाक्टर
लुधियाना/चंडीगढ़। पंजाब सरकार की तरफ से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे पंजाबियों, खास करके श्रद्धालुओं को वापस लाने के लगातार प्रयत्न किये जा रहे हैं जिससे इनका समय पर इलाज आदि करवा कर उन्हें उनके परिवारों के साथ मिलाया जा सके। नान्देड़ साहिब (महाराष्ट्र) के बाद अब दिल्ली के अलग -अलग गुरुद्वारा साहिब में फंसे श्रद्धालुओं को भी पंजाब में लाया गया है, इनमें से 25 श्रद्धालू बीती रात विशेष बसों द्वारा लुधियाना लाए गए। इन श्रद्धालुओं को स्थानीय मैरीटोरियस विद्यार्थियों के स्कूल में बने आइसोलेशन सैंटर में रखा गया है।
इस संबंधी श्रद्धालुओं अमरीक सिंह, भाग सिंह और अभिषेक के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने ने बताया कि जब से देश में लाॅकडाऊन हुआ है, वे तभी से ही अलग -अलग गुरुद्वारों (खास कर गुरुद्वारा श्री मजनूं का टीला और श्री बंगला साहब) में रुके हुए थे। बाद में दिल्ली सरकार ने उन्हें स्कूलों में तबदील कर दिया था। इन स्कूलों में रहने और खाने पीने के प्रबंध बहुत ही बुरे थे। जबकि स्थानीय मैरीटोरियस विद्यार्थियों के स्कूल में बने आइसोलेशन सैंटर में प्रबंध दिल्ली की अपेक्षा कहीं बढ़िया हैं। उन्होंने बताया कि वहां सिर्फ उन्हें खाने के लिए चावल दिए जाते थे, यहाँ तक कि पीने वाला पानी भी साफ नहीं मिलता था। जिस कारण कई दिन उनके पेट खराब रहे।
उन्होंने इस बात पर संतोष प्रकट किया कि लुधियाना में उन्हें साफ सुथरा भोजन, साफ वातावरण, मुकम्मल साफ सफाई और फिल्टर वाला पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह अब अपने पंजाब में पहुँच गए हैं, अब जैसे ही उनकी रिपोर्टों नेगेटिव आ जाएगी तो वह अपने परिवारों के पास चले जाएंगे। उन्होंने कैप्टन अमरिन्दर सिंह का नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का धन्यवाद किया।
इस मौके ड्यूटी पर उपस्थित डाक्टर डा. मोइन अंसारी और डा. जोतिका ने बताया कि इस सैंटर में अब तक कुल 195 श्रद्धालुओं को लाया जा चुका है, जिनमें से 135 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उनके गाँवों या घरों में एकांतवास करवा दिया गया है। इनमें से 52 श्रद्धालुओं के टैस्ट पॉजिटिव आए थे, जिन्हें ईलाज के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए जिला प्रसाशन और सेहत विभाग की तरफ से की जा रही लगातार मेहनत के चलते मैरीटोरियस विद्यार्थियों के स्कूल में चल रहे आइसोलेशन सैंटर को 500 बिस्तरों वाले अस्पताल में तबदील कर दिया गया है। इस तीन मंजिला इमारत में अस्पताल वाली सभी सुविधाएं मुहैया करवा दी गई हैं। इस सैंटर में पहले तो सिर्फ बिस्तरों और ईलाज का ही प्रबंध था परन्तु अब इस इमारत में लैबोरेट्री चालू कर दी गई है, जिससे कि यहाँ भरती सभी संभावित मरीजों के नमूने लिए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में पूरे 500 बिस्तरों को नंबर लगा दिए गए हैं। इसके अलावा यहाँ फार्मेसी, मरीजों का रजिस्ट्रेशन काउन्टर, लाऊंडरी सेवा, साफ सुथरी मैस, निजी सुरक्षा, निजी कंपनी की तरफ से सफाई का प्रबंध, मरीजों की काउंसलिंग के लिए काऊंसलर आदि अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवा दी गई हैं। उन्होंने बताया कि यहाँ भर्ती लोगों के लिए जल्द ही योगा आदि का भी प्रबंध इस अस्पताल में किया जायेगा। इस प्रयोगशाला में एच. बी, शुगर, पेशाब और अन्य टैस्ट भी किए जा सकेंगे।
जिन लोगों को इस सैंटर से छुट्टी मिल जाती है तो वह लोग अपने घरों और गाँवों में अपने 14 दिन पूरे करने के लिए एकांतवास रहते हैं। इस के साथ उन्हें मानसिक और भावनात्मिक तौर पर मजबूती मिलती है। आइसोलेशन सेंटरों में रह रहे लोगों के लिए साफ सुथरा और शुद्ध भोजन मुहैया करवाया जा रहा है।
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Saturday, April 27