कोरोना का खौफ : मेडिकल कॉलेज से घर भेजे जा रहे मरीज़, 55 से अधिक का स्टाफ किया होम क्वारेनटाइन
नाहन। सिरमौर में कोरोना के सात मामले आने से पूरा जिला सहम गया है। भले ही 7 में से 6 लोग पहले से ही संस्थागत क्वारेनटाइन पर थे लेकिन डॉ वाईएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक सप्ताह से उपचारधीन महिला के पॉजिटिव आने से पूरे डॉ वाईएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दहशत का माहौल है।
जानकारी के मुताबिक आज प्रशासन द्वारा डॉ वाईएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के करीब आधा दर्जन विभाग का स्टाफ होम क्वारेनटाइन कर दिया है। बताते है कि प्रशासन ने स्त्री एवं प्रसूति वार्ड के डॉक्टरों व स्टाफ को भी होम क्वारेनटाइन पर भेज दिया है।
इसके अलावा सर्जरी, एनस्थीसिया,मेडिसिन के अलावा पैरा मेडिकल स्टाफ को भी होम क्वारेनटाइन कर दिया है। गौर हो कि कोलवालाभूड़ की रहने वाली जो महिला पॉजिटिव आई है वह 29 मई से चार जून तक अस्पताल में दाखिल थी।
उक्त महिला का 3 जून को कोरोना का सेम्पल लिया गया था। जिसकी रिपोर्ट 4 जून देर शाम को आई जबकि रिपोर्ट आने से पहले महिला की अस्पताल से छुट्टी हो गई थी। देर शाम को जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटव आई तो डॉ वाईएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए।
एक सप्ताह अस्पताल में दाखिल रही महिला के सम्पर्क में जितने भी लोग आए है। अब प्रशासन उनका पता कर रही है। देर रात को विभाग की टीम उक्त महिला की खोज में उसके गांव कोलवालाभूड़ गई। लेकिन बताते है कि महिला घर से ग़ायब पाई गई।
बताते है कि उक्त महिला का ससुराल हरियाणा के नारायणगढ़ में है। जिसके चलते महिला अस्पताल से छुट्टी होने के बाद सीधी अपने घर चली गई। जबकि महिला ने अस्पताल में अपना पता कोलवालाभूड़ बताया हुआ था।
जानकारी के मुताबिक महिला जब पहली मर्तबा 18 मई को गर्भवस्था के दौरान अपना चेकअप करवाने डॉ वाईएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन आई थी तो उसने अपनी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं बताई।
वहीं कालाअम्ब में संस्थागत क्वारेनटाइन पर रह रहे 6 लोग भी कोरोना पॉजिटव आये है। इनमे से भी एक महिला जो नाहन के कच्चा टेंक की रहने वाली बताई जा रही है, का मामला भी पेचिदा हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक प्रसूता महिला के पॉजिटिव आने के बाद डॉ वाईएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के करीब 55 से अधिक का स्टाफ को होम कोरन्टाइन किया गया है।
वहीं अस्पताल में अब किसी भी रोगी को दाखिल नहीं किया जा रहा है। बताते है कि जो मरीज पहले से ही अस्पताल में दाखिल है उनकी भी अब छुट्टी की जा रही है।
डॉ वाईएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल
हैरत की बात तो यह है कि नियमों के मुताबिक जो भी मरीज अस्पताल में दाखिल किया जाता है। उसका कोरोना का टेस्ट अनिवार्य किया गया है , लेकिन उपरोक्त महिला जिसका अस्पताल में ऑप्रेशन हुआ है। उसका अस्पताल प्रशासन द्वारा अस्पताल से छुट्टी देने से एक दिन पूर्व टेस्ट किया, जबकि अन्य सभी का टेस्ट पहले किया जाता है। इससे अस्पताल की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है।
अस्पताल प्रशासन ने जहां अब अस्पताल खाली करवाया जा रहा है. वहीं स्पेशल वार्ड भी खाली किया जा रहा है। अब देखना यह है कि उक्त महिला के सम्पर्क में कितने लोग आये है। बताते है कि यदि कोरोना का वायरस सामुदायिक संक्रमण तक पहुंच गया तो जिला वासियों की मुश्किलें बढ़ सकती है।