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    Home»चण्डीगढ़»कोरोना के खिलाफ जंग में जांबाज फ्रंट लाइन योद्धा बन कर उभरे जिला एपिडेमियोलाजिस्ट डा. सैलेश
    चण्डीगढ़

    कोरोना के खिलाफ जंग में जांबाज फ्रंट लाइन योद्धा बन कर उभरे जिला एपिडेमियोलाजिस्ट डा. सैलेश

    By Himachal VartaJune 14, 2020
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    • दिन-रात कोरोना मरीजों की देखभाल, सैंपलिंग, होम क्वारंटीन लोगों का फालोअप लेने के अलावा निभा रहे हैं कई जिम्मेदारियां

    • जनवरी से ही बिना छुट्टी के फील्ड व अस्पताल में लगातार दे रहे हैं ड्यूटी, शनिवार व रविवार को भी रहते हैं ड्यूटी पर तैनात

    • मिशन फतेह के अंतर्गत सभी लोग जागरुक होकर व सावधानियां अपनाकर व्यक्त करें स्वास्थ्य विभाग का आभार: डिप्टी कमिश्नर

    होशियारपुर/चंडीगढ़। जिले में कोरोना वायरस के फैलाव को लगभग दो महीने से ज्यादा का समय हो गया है और इस बीच जिले में पाजीविट मामलों को लेकर कई उतार चढ़ाव देखने को मिले। लॉकडाउन के दौरान लोगों की रोजमर्रा जिंदगी कभी-कभी थमी तो कभी राहत व छूट मिलने पर जिंदगी ने रफ्तार भी पकड़ी लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जिला एपिडेमियोलाजिस्ट व कोविड-19 संबंधी नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी डा. सैलेश ऐसे व्यक्ति जो जिले में कोविड-19 के शुरुआती दौर से लेकर अब तक दिन-रात बिना थके कोरोना वायरस से दो-दो हाथ कर रहे हैं ताकि जिला वासी सुरक्षित रह सकें। हालांकि कोविड-19 के खिलाफ जंग अभी जारी है और मिशन फतेह के अंर्तगत जागरुकता अभियान ने भी बल पकड़ लिया है लेकिन इस अधिकारी की ड्यूटी के प्रति निष्ठा व समाज के प्रति सेवा भाव के कारण जिले में सैंकड़ों लोगों ने कोरोना के खिलाफ जंग जीती है।
    डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अपनीत रियात ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में हालांकि पूरा स्वास्थ्य विभाग लगा हुआ है लेकिन नोडल अधिकारी डा. सैलेश जिस गंभीरता व तनदेही से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं वह बेहद प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि मिशन फतेह के अंतर्गत अब हम सभी को मिलजुल कर कोविड-19 के प्रति खुद भी जागरुक होना है और अन्य लोगों को भी जागरुक करना है ताकि हमारे स्वास्थ्य की चिंता में लगे डा. सैलेश की तरह अन्य स्वास्थ कर्मियों की ओर से की जा रही दिन रात की कड़ी मेहनत सफल साबित हो सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही कोरोना के खिलाफ इस जंग को हम जीत लेंगे।
    उधर डा. सैलेश ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से इस मुश्किल घड़ी में उनको दी गई जिम्मेदारी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है और वे डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अपनीत रियात, सिविल सर्जन डा. जसवीर सिंह का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने उन पर विश्वास जताया और इस चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए उनका हौंसला बढ़ाया। डा. सैलेश ने कहा कि वे पाजीटिव मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग, उनकी चेन ब्रेक करने के अलावा मरीजों को दाखिल करने से लेकर उनकी देखभाल, सैंपलिंग, रुटीन के चैकअप, बाहर से आने वाले लोगों की सैंपलिंग कर होम क्वारंटिन करना, सरकार व जिला प्रशासन की आदेशों को सही तरह से लागू करवाना, लोगों को अफवाहों से बचाना, उच्चाधिकारियों को मौजूदा स्थिति से अवगत करवाना, हैल्थ स्टाफ का मनोबल बढ़ाना आदि कई जिम्मेदारियां जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन व सहयोग से बिना किसी रुकावट के निरंतर निभा रहे हैं।
    डा. सैलेश ने बताया कि जिले में जनवरी से ही सर्वे शुरु हो गया था और तब से लेकर अब तक उन्होंने कोई छुट्टी नहीं की बल्कि शनिवार व रविवार भी फील्ड व अस्पताल में ड्यूटी देते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद अब हम सभी को समझना होगा कि इस महांमारी का अभी सिर्फ एक ही इलाज है और वह सिर्फ जागरुकता व सावधानियां अपनाना है, इस लिए पंजाब सरकार की ओर से मिशन फतेह के अंतर्गत जागरुकता को जो बीढ़ा उठाया गया है, उसे हम सभी को मिलकर सफल बनाना है ताकि इस महांमारी का जड़ से खात्मा किया जा सके।

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