चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट’ की अनिवार्यता संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अगर कोई विद्यार्थी गैर-सरकारी स्कूल से सरकारी स्कूल में दाखिला लेता है और वह गैर-सरकारी स्कूल उस विद्यार्थी को ‘स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट’ नहीं देता है तो भी उसका सरकारी स्कूल में दाखिला हो जाएगा।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न स्कूल मुखियाओं द्वारा विभाग के संज्ञान में लाया गया है कि प्राइवेट स्कूलों यानि गैर-सरकारी स्कूलों के बहुत से विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए प्रयासरत हैं, परंतु प्राइवेट स्कूल द्वारा उन विद्यार्थियों को ‘स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट’ न दिए जाने के कारण सरकारी स्कूल में ऑनलाइन दाखिला संभव नहीं हो पा रहा है। इससे विद्यार्थी व उनके अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि इसी को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के इच्छुक ऐसे सभी विद्यार्थियों को तुरंत दाखिला दिया जाए। सरकारी स्कूल की ओर से विद्यार्थी के पिछले स्कूल को दाखिला की लिखित में सूचना दी जाए तथा उस स्कूल को 15 दिन के अंदर ऑनलाइन ‘स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट’ जारी किए जाने का आग्रह किया जाए। इस सूचना में इस बात का भी उल्लेख किया जाए कि अगर उस स्कूल से 15 दिन में ‘स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट’ प्राप्त नहीं हुआ तो स्वत: ही जारी किया हुआ मान लिया जाएगा।
प्रवक्ता के अनुसार कोविड-19 की महामारी के कारण राज्य सरकार किसी भी विद्यार्थी की औपचारिक शिक्षा प्रभावित नहीं होने देना चाहती। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की अनुपालना में विद्यार्थी अपनी इच्छा के स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए अधिकृत है।
उन्होंने बताया कि उक्त दिशा-निर्देशों के पालन के लिए विभाग द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी तथा सरकारी स्कूलों के मुखियाओं अथवा प्रभारियों को लिखा गया है।