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जिले के 16000 से ज्यादा किसानों व दूध उत्पादकों को मिलेगा लाभ: एडीसी
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1. 60 लाख से तीन लाख रुपये तक का लोन देने के लिए 31 जुलाई तक किया जा सकता है आवेदन
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समय पर किस्त जमा करवाने वालों को ब्याज पर तीन 3 फ़ीसदी छूट सिर्फ 4 फ़ीसदी ब्याज लिया जाएगा: पूजा स्याल
पटियाला। अभी तक किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ सिर्फ खेती करने वाले किसानों तक सीमित था, लेकिन अब इसमें दूध उत्पादक किसानों को भी शामिल कर लिया गया है। तेजी से बढ़ रहे डेयरी सेक्टर को मार्केटिंग व अन्य मूलभूत ढांचागत सुविधाओं को बढ़ाने व वर्किग कैपिटल उपलब्ध करवाने के लिए कम ब्याज दरों पर लोन देने की योजना शुरू की गई है। इसके तहत दूध उत्पादक किसानों को सरकार की ओर से बहुत कम समय में जारी किया जाने वाला लोन दिया जा रहा है।
आज मिनी सचिवालय में दूध उत्पादकों, बैंकों के प्रतिनिधियों, मिल्क यूनियन व जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर श्रीमती पूजा स्याल ने बताया कि बैंकों में अधिकारियों को लक्ष्य दिया गया है कि लोन लेने के इच्छुक दूध उत्पादकों अथवा डेयरी फार्मरों को इस संबंध में जल्द से जल्द सूचित किया जाए, ताकि वे इस योजना का लाभ ले सके।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को एक लाख 60 हजार से तीन लाख रुपए तक का कम अवधि का लोन दिया जाएगा। इसके लिए ब्याज दर भी काफी कम रखी गई है। 7 फ़ीसदी सालाना की दर से वसूले जाने वाले ब्याज में भी तीन फीसदी तक की छूट उन किसानों को दी जाएगी, जो समय पर किश्त जमा करवाएंगे।
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि दूध उत्पादक किसानों को इस लोन के लिए किसी प्रकार की सिक्योरिटी नहीं देनी होगी और यह लोन किसी भी बैंक से एक साधारण फार्म भर कर लिया जा सकता है। उन्होंने जिले भर के बैंकों के प्रतिनिधियों से स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार की इस योजना के तहत किसी भी डेयरी फार्मर को लोन देने से इंकार ना किया जाए। एडीसी ने निर्देश दिए हैं कि हर डेयरी फार्मर तक इस योजना की सूचना पहुंचाई जाए ताकि वह 31 जुलाई से पहले अपना फार्म भरकर योजना का लाभ ले सके। इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त को की जानी है साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी गई है कि कोई भी बैंक यदि बिना किसी उचित कारण के जानबूझकर डेयरी फार्मर को ऋण देने से इंकार करता है तो उस पर कार्यवाही की जा सकती है।
श्रीमती पूजा सियाल ने बताया कि जिले में मिल्कफूड से संबंधित लगभग 14 हजार किसान अथवा दूध उत्पादक डेयरी काम में लगे हैं। इसके अलावा लगभग दी हजार दूध उत्पादक पशुपालन व डेयरी विभाग के साथ जुड़े हुए हैं।
एडीसी श्रीमती पूजा सियाल ने बताया कि मिलक यूनियन केसीसी फॉर्म प्रिंट करवा कर किसानों से भरवाएंगे और इस कार्य में डेयरी कोऑपरेटिव के सचिव एनआरएलएम योजना के तहत बैंक मित्रों की मदद करेंगे और तस्दीक करेंगे कि फार्म में जितने पशु भरे गए हैं वे सही हैं। उन्होंने बताया कि यदि किसान अपनी सहमति देता है तो मिल्क यूनियन, तीन पार्टी करार बैंक व किसान के बीच कर सकते हैं और बैंक की किश्त समय पर जमा करवाने पर 3 फ़ीसदी ब्याज दर की छूट का लाभ भी ले सकते हैं। इसके साथ ही अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने 3 सदस्य कमेटी गठित कर दी है जो हर सप्ताह इस योजना कि प्रगति की समीक्षा करेगी।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थिति दर्ज करवाने वालों में डिप्टी डायरेक्टर श्री अशोक रोणी, मिल्क प्लांट के जनरल मैनेजर श्री गुरमेल सिंह, लीड बैंक एसबीआई के प्रितपाल सिंह आनंद, पशुपालक श्री दीवान गुप्ता, मिल्क प्लांट के प्रतिनिधि डॉ अमित कुमार, डेयरी इंस्पेक्टर श्री जयकिशन और विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि शामिल है।