चंडीगढ़। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों में कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने तथा कर्मचारियों में कार्य के प्रति सकारात्मक प्रतियोगिता की भावना उत्पन्न करने हेतु केंद्र सरकार के निर्देशानुसार हरियाणा में मिनिमम परफॉर्मेंस बेंचमार्क चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। यह प्रक्रिया राज्य सरकार व एनएचएम द्वारा भारत सरकार के आदेशों की पालना हेतु की जा रही है ।
एनएचएम के मिशन निदेशक श्री प्रभजोत सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, भारत सरकार द्वारा एनएचए कर्मचारियों में कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में परफॉर्मेंस बेंचमार्क लागू करने के दिशा-निर्देश जारी किए थे ताकि इसके आधार पर कर्मचारियों के अनुबन्ध नवीनीकरण का अभिन्न हिस्सा बने। इन निर्देशों की अनुपालना करते हुए एनएचएम कार्यालय द्वारा हरियाणा के सभी जिलों में सिविल सर्जनों को आदेश जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि एनएचएम के अन्तर्गत लगभग 449 पदों की श्रेणियां हैं तथा पहले चरण में जिला स्तर पर 8 वर्गों के लिए इसे लागू किया गया है जिसमें जिला प्रोग्राम मैनेजर, जिला लेखा प्रबंधक, जिला आशा कॉर्डिनेटर, डीईआईसी मैनेजर, जिला निगरानी एवं मूल्यांकन अधिकारी, जिला बायो-मेडिकल इंजीनियर, फ्लीट मैनेजर, आरबीएसके कॉर्डिनेटर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मेवात को छोडक़र शेष 21 जिलों से बेंचमार्क मूल्यांकन रिपोर्ट मुख्यालय को प्राप्त हो चुकी है। इसीप्रकार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मुख्यालय के कर्मचारियों के लिए उनके पदों के अनुरूप कार्य मूल्यांकन फॉरमेट तैयार किये गए हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कर्मचारियों के कार्यों का मूल्यांकन उनकी कार्य कुशलता पर आधारित है और कोविड-19 से इसका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि इस परफॉर्मेंस बेंचमार्क को लागू करने का उद्देश्य केवल कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने और कर्मचारियों में कार्य के प्रति सकारात्मक प्रतियोगिता की भावना उत्पन्न करना है।
श्री प्रभजोत सिंह ने एनएचएम कर्मचारियों से अपील की कि इस प्रकार के भ्रमित प्रचार में न आएं। यह प्रक्रिया असम, उत्तराखंड, गुजरात, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, बिहार तथा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पहले ही कार्यन्वित हो चुकी है।