यशवंत विहार क्षेत्र में पानी की पाईपेंं हुई तहसनहस, लोग रहे प्यासे!
लैंड प्रमोटर की लापरवाही के चलते यशवंत विहार के लोग हुए प्यासे
लैंड प्रमोटर ने नहीं की सड़क की मेंटेनेंस और जरा सी बारिश के बाद गिरा ढंगा पीने के पानी की सप्लाई लाइन तहस-नहस
नाहन। हिमाचल निर्माता के नाम पर बनी नाहन शहर की सबसे आधुनिक कहलाने वाली कॉलोनी प्रभावशाली लैंड प्रमोटर्स की मनमर्जी व लापरवाहियों के चलते स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। यही नहीं लैंड प्रमोटर के आगे जिला व नगर प्रशासन भी नतमस्तक नजर आ रहा है।
परेशानी की इंतिहा की हद कुछ इस कदर हुई की आज यशवंत विहार कॉलोनी के मुख्य सड़क के साथ लगती कॉलोनी की सड़क जरा सी बारिश के बाद ढंगा धसने के कारण टूट गई। जबकि 80 से लगभग लोगों को मिलने वाले पानी की मुख्य सप्लाई लाइन भी तहस-नहस हो गई।
पानी की लाइन टूट जाने के कारण स्थानीय निवासी आज पीने के पानी से मैहरूम रहे तो वही जिस तरीके से लाइन टूटी है उससे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है की जल्दी है लाइन ठीक नहीं हो पाएगी। हालांकि आईपीएच विभाग को इस लाइन के टूट जाने की सूचना मिल चुकी है। मगर आज टूटी हुई पाइपों को जोड़ने की जहमत भी विभाग के द्वारा नहीं उठाई गई है।
जिस जगह पाइप लाइन टूटी है उससे ठीक नीचे सरकार के कद्दावर नेता तथा विपणन बोर्ड के चेयरमैन बलदेव भंडारी का प्लॉट है। बलदेव भंडारी ने इंसानियत के नाते लैंड डवैल्प करने के दौरान एक बार ढंगा भी लगा दिया था। मगर सड़क की हालत शुरू से इतनी जर्जर है कि प्रमोटर के द्वारा उचित गुणवत्ता के आधार पर सड़क नहीं बनवाई गई। जिसके चलते आज फिर यह सड़क बैठ गई और पाइप लाइनें भी तहस-नहस हो गई।
कॉलोनी के डॉक्टर बी डी एस तोमर सहित दर्जनों लोगों ने प्रमोटर पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग करी है इसके साथ साथ आईपीएच विभाग से जल्द टूटी हुई पाइपलाइन ठीक करने का आग्रह भी किया है। ऐसे में इस सड़क को जल्दी ठीक नहीं किया गया तो सब से कोने वाले मकान के गिरने का खतरा भी बन सकता है।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि यह पूरी की पूरी लैंड जंगल झाड़ी हुआ करती थी। प्रमोटर प्रभावशाली व्यक्ति है उसने अपने प्रभाव के दम पर इस लैंड की किस्म चेंज कराते हुए ऊंचे महंगे दामों पर जमीनें बेची। नियमानुसार अनुसार प्रमोटर को लैंड भी डीवैल्प कर के देनी होती है। और यहां तक कि सीवरेज और सीवरेज ट्रीटमेंट सिस्टम के साथ मेन होल बना कर दिया जाना भी जरूरी होता है।
यही नहीं कॉलोनी बनाने से पहले वहां एनजीटी के नियमानुसार ग्रीन पैच छोड़ने जरूरी होते हैं। मगर प्रभावशाली व्यक्ति का प्रभाव इतना ज्यादा है कि नक्शा रिवाइज करने के बाद जिस जगह पार्क दर्शाए गए थे यानी ग्रीन पैच, 59 जगहों पर महंगे फ्लैट बनाकर ₹32000 प्रति कमरा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को दे दिया गया है।
आज सुबह ही 10:00 बजे के आसपास यह पाइप लाइन टूट गई थी मगर एक बार भी प्रमोटर के द्वारा मौका निरीक्षण नहीं किया गया। जबकि प्रशासन की ओर से अधिकारियों ने इस जगह का निरीक्षण भी किया। एससी जोगिंदर सिंह आईपीएस विभाग के संज्ञान में मामला आ चुका है उन्होंने कहा कि मौका देखने के बाद जो भी व्यवस्था बनेगी मगर लोगों को पानी जरूर पिलाया जाएगा।