नाहन। आपदा को अवसर में बदलें….। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील पर आत्मनिर्भर भारत का अभियान चलाया गया है। सिरमौर प्रशासन ने भी कोरोना संकट के बीच इसी तरह की पहल की है। डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन से सटे जिला आयुर्वेदिक भवन में अब कोरोना के साथ फ्लू से संबंधित बीमारियों पर अनुसंधान किया जाएगा। कोरोना और अन्य फ्लू से जुड़ी बीमारियां फैलने से रोकने पर अनुसंधान होगा। इसके लिए नेचुरलपैथी, आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी आदि किया जाएगा। आयुर्वेदिक अस्पताल के इस भवन में कोविड आयुष अस्पताल बनाया जा रहा है।
सिरमौर में बन रहा कोविड आयुष अस्पताल देश का पहला ऐसा अस्पताल होगा। इसमें आयुर्वेद और आयुष के चिकित्सक मिलकर अनुसंधान करेंगे। भवन की दो मंजिल में कोविड-19 और फ्लू से संबंधित बीमारियों का इलाज होगा। ऊपरी मंजिल में नॉन कम्युनिक डिजिजिज का उपचार होगा। कोविड आयुष अस्पताल के लिए जिला प्रशासन ने 88 लाख रुपये जारी किए है।
जिले में छह जगह पर क्वाथशालाएं बनाई गई हैं। जिले में कोरोना संक्रमित लोगों को आयुष किट, आयुष काढ़ा पिलाकर इम्युनिटी बढ़ाई जा रही है। पहले मरीजों को ठीक होने में लगभग 25 दिन लग रहे थे, जबकि आयुष किट के सेवन के बाद ठीक होने में 10 से 15 दिन लग रहे हैं। सिरमौर में जल्द पॉजिटिव लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने को अलग आयुष किट तैयार की जाएगी। इसमें तुलसी, अणुतेल तथा संजवीनीवटी आदि के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए जिला सिरमौर के उपायुक्त आर. के. पुरी ने बताया कि कोविड आयुष अस्पताल में इम्युनिटी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। कोरोना समेत अन्य बीमारियों का संक्रमण न फैले, अस्पताल में इस पर इस कार्य होगा। आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, नेचुरलपैथिक दवाइयों और आयुष काढ़े का प्रयोग होगा।