सी.पी.टी.ओज़ जि़ला स्तर पर तालमेल और जल्दी प्रतिक्रिया को बनाऐंगे यकीनी जिससे हर कोविड मरीज़ को बेहतरीन इलाज मुहैया करवाया जाये – मुख्य सचिव
चंडीगढ़। कोविड -19 के हर पॉजिटिव मरीज़ को मानक इलाज मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से 22 आई.ए.एस., आई.एफ.एस. और पी.सी.एस. अधिकारियों को कोविड पेशेंट ट्रेकिंग अफ़सर (सी.पी.टी.ओज़) के तौर पर तैनात किया गया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये पंजाब के मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि राज्य में कोविड के अधिक रहे मामलों के मद्देनजऱ राज्य सरकार की तरफ से इन अधिकारियों को सी.पी.टी.ओज़. के तौर पर तैनात किया गया है। यह अधिकारी मरीज़ों के पोजिटिव पाये जाने के समय से इलाज तक उनको ट्रैक करेंगे जिससे जि़ला स्तर पर तालमेल और तेज़ी से प्रतिक्रया को यकीनी बनाया जा सके। यह अधिकारी अपनी मौजूदा ड्यूटियों के अलावा सी.टी.पी.ओज़ के तौर पर अपनी भूमिका निभाएंगे और सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नरों को रिपोर्ट करेंगे।
उन्होंने बताया कि मिस पल्लवी, आई.ए.एस, मुख्य प्रशासक अमृतसर विकास अथॉरिटी, श्री आदित्या डचलवाल आई.ए.एस, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (जनरल) बरनाला, श्री परमवीर सिंह आई.ए.एस, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (विकास), बठिंडा, मिस. पूनम सिंह, पी.सी.एस, सब डिविजऩल मैजिस्ट्रेट, फरीदकोट, श्री हरभजन सिंह, जि़ला बाल सुरक्षा अफ़सर, फतेहगढ़ साहिब, श्री बरिन्दर सिंह, जि़ला सामाजिक न्याय और सशक्तिकरन अफ़सर, फाजिल्का, श्री कंवरदीप सिंह आई.एफ.एस., श्री सकतार सिंह बल्ल, पी.सी.एस., उप मंडल मैजिस्ट्रेट, गुरदासपुर, श्री बलबीर राज सिंह, पी.सी.एस., कमिशनर म्युंसिपल कारर्पोेशन, हुशियारपुर, मिस. नवनीत कौर बल्ल, पी.सी.एस., अस्टेट अफ़सर जालंधर विकास अथॉरिटी, जालंधर, श्री पवित्र सिंह, पी.सी.एस., उप मंडल मैजिस्ट्रेट, फगवाड़ा, श्री सन्दीप कुमार आई.ए.एस, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (विकास), लुधियाना, श्री सागर सेतिया, आई.ए.एस, उप मंडल मैजिस्ट्रेट बुढलाडा, श्री कुलदीप कुमार, जि़ला रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं, मोगा, श्री गगनदीप सिंह, पी.सी.एस., अतिरिक्त सहायक कमिशनर (सिखलाई अधीन), श्री मुक्तसर साहिब, मिस. निधी कुमुद बांबाह, पी.सी.एस, उप मंडल मैजिस्ट्रेट धारकलां, मिस. प्रीति यादव, आई.ए.एस, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (विकास), पटियाला, श्रीमती मोनिका यादव, आईएफऐस, जि़ला वन अफ़सर (वन्य जीवन) रूपनगर, श्रीमती रवजोत ग्रेवाल, आईपीएस, एसपी (ग्रामीण), एसएएस नगर, श्री आदित्या उप्पल, आईएएस अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (जनरल), एस.बी.एस. नगर, मिस. विद्या सागरी, आईएफएस, मंडल वन अफ़सर, संगरूर और श्री अमनप्रीत सिंह, अतिरिक्त सहायक कमिशनर (सिखलाई अधीन), तरन तारन को अपने जिलों के लिए सीपीटीओ के तौर पर नियुक्त किया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि लैब में टैस्ट का नतीजा घोषित होते ही कोविड के हर पॉजिटिव मरीज़ का विवरण हासिल करने के साथ साथ सी.पी.टी.ओ. लेबों के साथ संपर्क यकीनी बनाऐंगे जिससे नतीजे हासिल करने में कोई भी देरी न होने दी जाये और कोविड के पॉजिटिव मरीज़ के साथ तुरंत संपर्क किया जाये। सी.पी.टी.ओ. यह भी यकीनी बनाऐंगे कि हर पॉजिटिव मरीज़ को आर.आर.टीज़ /स्वास्थ्य टीमों के द्वारा नज़दीकी अस्पताल में लाया जाये जिससे उनके स्वास्थ्य सम्बन्धी जांच की जा सके और उसके अनुसार इलाज करवाया जा सके।
यदि किसी व्यक्ति में कोविड -19 का कोई लक्षण नहीं है और वह किसी अन्य बीमारी से पीडि़त नहीं है तो उसे सी.सी.सी.(कोविड केयर सैंटर) या घरेलू एकांतवास भेजा जाता है (यदि वह स्वस्थ्य विभाग की तरफ से निर्धारित मापदंड पूरे करता है)। मरीज़ अपनी इच्छा अनुसार किसी प्रायवेट अस्पताल में दाखि़ल भी हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति में कोविड -19 के लक्षण पाये जाते हैं और वह किसी अन्य बीमारी से भी पीडि़त है तो उसे लेवल-2 अस्पताल (सरकारी /प्राईवेट) में भेजा जाता है। यदि मरीज़ की हालत नाजुक है तो उसे तुरंत ही लेवल-3 अस्पताल (सरकारी / प्राईवेट) में भेजा जाता है।
सी.पी.टी.ओज़ की भूमिकाएं और जि़म्मेवारियों संबंधी बताते हुये श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि सी.पी.टी.ओज़. को डिप्टी कमिशनर के सलाह से जाने बचाने के लिए ज़रुरी खर्च करने सम्बन्धी फ़ैसला लेने का अधिकार दिया जायेगा। उदाहरण के लिए ज़रूरत पडऩे पर प्राईवेट एंबुलेंस या प्राईवेट अस्पताल का प्रयोग करना। हालाँकि, आम तौर पर सिफऱ् सरकारी ऐंबूलैंसों और सरकारी अस्पतालों का प्रयोग किया जाऐगा।
उन्होंने कहा कि सी.पी.टी.ओ. के पास सी.सी.सी. (कोविड केयर सैंटर), सरकारी अस्पतालों और प्राईवेट अस्पतालों में बैंडों की उपलब्धता सम्बन्धी सूची के साथ साथ स्तर -3 के इलाज के लिए बैडों और वैंटीलेटरों की उपलब्धता की सूची होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सी.पी.टी.ओ. के पास प्रायवेट और सरकारी एंबुलेंस सेवाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए। सी.पी.टी.ओ. के पास किसी भी एमरजैंसी रैफरल /ज़रूरतों के लिए पड़ोसी जिलों में अपने हमरुतबा के साथ अच्छा तालमेल होना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सी.पी.टी.ओ. घरेलू एकांतवास में रहने वाले हर मरीज़ की रोज़मर्रा की टेली -मोनीटीरिंग करवाने को यकीनी बनाऐंगे। आर.आर.टीज़ को अक्सर और ज़रूरत पडऩे पर मरीज़ों को मिलना चाहिए। किसी भी एमरजैंसी रैफरल की स्थिति में जि़ला कंट्रोल रूम का टैलिफ़ोन नंबर मरीज़ के साथ सांझा करना चाहिए। ऐसे सभी रैफरल सही ढंग के साथ किये जाने चाहिएं और सी.पी.टी.ओ. को रिपोर्ट किये जाने चाहिएं।
आदेशों के अनुसार सी.पी.टी.ओ. लेवल-1/ लेवल -2/ लेवल -3/ मरीज़ की मौत होने के मामले में संस्कार सम्बन्धी दिए स्वास्थ्य प्रोटोकोल से अच्छी तरह अवगत होने चाहिएं। उनको डा. तलवाड़ की अध्यक्षता अधीन डाक्टरी माहिरों की मीटिंगों में बाकायदा शामिल होना चाहिए। सी.पी.टी.ओ. यह यकीनी बनाऐंगे कि किसी कोविड पॉजिटिव मरीज़ की मौत होने पर राज्य के प्रोटोकोलों के अनुसार जितनी जल्दी संभव हो सके संस्कार किया जाये।
सी.पी.टी.ओ. अपनी सुविधा के लिए क्षेत्र -अनुसार सैक्टर अफसरों की नियुक्ति कर सकते हैं और अपने रिपोर्टिंग क्षेत्र में सभी पॉजिविट मामलों की नजऱ रख सकते हैं। सी.पी.टी.ओ. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तरफ से तैयार किये पेशेंट ट्रेकिंग सिस्टम के असली समय की अपडेशन को यकीनी बनाएंगे।