इस बार पतंगबाजी में भी दिखा कोरोना का असर !
नाहन। नाहन शहर में रक्षाबंधन का त्यौहार अपने आप में बेहद खास रहता है दरअसल यहां रक्षाबंधन के दिन पतंगबाजी की जाती है यह परंपरा यहां कई सदियों से चली आ रही है।
रक्षाबंधन के दिन यहां हर वर्ग के लोग पतंगबाजी करते हैं बच्चों से लेकर बड़े बजुर्ग पतंगबाजी करते देखे जाते हैं स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐतिहासिक शहर नाहन में यह परंपरा राजा महाराजाओं के समय से चली आ रही है जिसे आज भी बखूबी निभाया जा रहा है हालांकि इस बार कोरोना का पतंगबाजी में भी देखने को मिला बच्चे एक छतों पर इकट्ठा होकर पतंगबाजी करते थे मगर इस बार कोरोना के चलते सब अपने-अपने घरों की छतों पर ही पतंग उड़ाते नजर आए।
पहले लोग अपने घरों में ही पतंग और उसके लिए डोरे बनाया करते थे मगर मौजूदा समय में बाजार से ही इसकी खरीददारी की जाती है। कोरोना के चलते इस बार पतंगबाजी से जुड़े कारोबार मे कमी देखने को मिली और लोगों ने इसकी ज्यादा खरीदारी नहीं की। शहर में सुबह ही पतंगबाजी का दौर शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चला रहता है इस दौरान रंग बिरंगी पतंगों से आसमान का नजारा भी अद्भुत हो जाता है जबकि इस बार कोरोना ने सब इन सब पर पानी फेर दिया जिस कारण बच्चों को विशेष रूप से बहुत दुख महसूस हो रहा है!