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    Home»हिमाचल प्रदेश»आईआईएम भवन धौलाकुआं में काष्ठकुणी शैली में बनाया जाएगा
    हिमाचल प्रदेश

    आईआईएम भवन धौलाकुआं में काष्ठकुणी शैली में बनाया जाएगा

    By Himachal VartaAugust 7, 2020
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    नाहन। धौलाकुआं में आईआईएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) का परिसर हिमाचल की प्रसिद्ध काष्ठकुणी शैली में बनाया जाएगा। ब्रिटिशकाल में बनी इमारतों की तर्ज पर परिसर का डिजाइन तैयार किया गया है। पहले चरण में हॉस्टल सहित अध्ययन से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें 600 विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता होगी। मेडिकल यूनिट अलग से होगी, जिसमें विद्यार्थियों के इलाज की सुविधा होगी।
    हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार की जयंती पर चार अगस्त को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इसकी ऑनलाइन आधारशिला रखी गई थी। केंद्र ने आईआईएम के पहले चरण को 392.51 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। नाहन-पांवटा साहिब नेशनल हाईवे पर धौलाकुआं में आईआईएम के लिए लगभग 210 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। आईआईएम परिसर देश में बने अन्य आईआईएम से अलग होगा।
    इसे हिमाचली रंग देने का प्रयास किया गया है। भवनों के निर्माण में हिमाचल की काष्ठकुणी शैली का रूप दिया जाएगा। आईआईएम के भवन ब्रिटिशकाल में बनने वाले बंगलों की तर्ज पर डिजाइन किए गए हैं। आईआईएम के सूत्रों के मुताबिक पहले चरण में हॉस्टल, स्टूडेंट एक्टिविटि कैंपस, फैकल्टी एंड स्टाफ रेजिडेंस, कम्यूनिटी सेंटर, अकादमिक ब्लॉक, कंप्यूटर सेंटर, लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस सेंटर, एडमिनिस्ट्रेटिव कांप्लेक्स और मेडिकल यूनिट बनेगी। वर्ष 2015 से यह पांवटा साहिब में एक किराये के भवन में चल रहा है। वर्तमान में यहां करीब 340 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
    टूरिज्म में पीएचडी देने वाला देश का पहला संस्थान
    आईआईएम टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी में पीएचडी देने वाला देश का पहला संस्थान है। देश के अन्य राज्यों में बनने आईआईएम में भी इस विषय में पीएचडी का प्रावधान नहीं है। परिसर का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी को दिया गया है। इसके टेंडर हो गए हैं।
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