आर एम ने कहा कि सोमवार से समय पर चलाएंगे बसें!
बसों के समय पर नहीं चलने से काला अंब फैक्ट्री कर्मचारियों के लिए बनी मुसीबत और संक्रमण काल में भी गंदगी से भरी बसें….
नाहन। पता है प्रदेश सरकार केवल कोरे दावे ही करती है हकीकत में पूरा सिस्टम ही चरमरा चुका है। लोग पहले से ही एचआरटीसी की बसों में महंगे किराए से जूझ रहे थे। तो अब मोटा किराया देने के बावजूद भी बसे समय पर नहीं चल रही हैं। ऐसी समस्या कालाअंब उद्योगों में काम करने वाले लोगों के सामने आ रही है। एक दवा इंडस्ट्री में काम करने वाली अधिकारी महिला व उनके सहयोगियों ने अपनी इस परेशानी की बाबत मीडिया के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का निर्णय लिया है। मनीषा ठाकुर का कहना है कि नाहन से बहुत से लोग नियमित रूप से कालाअंब स्थित उद्योग इकाइयों में काम करने जाते हैं। उन्होंने बताया कि अधिकतर कामगारों का समय सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 से 6:00 बजे तक का होता है। मनीषा का आरोप है कि एचआरटीसी की बस कालाअंब के लिए निश्चित समय पर ना चल कर कभी सुबह 7:30 बजे चलती है तो कभी 7:45 बजे तो कभी 8:00 बजे के बाद चलती है। उन्होंने बताया कि यही हाल शाम के वक्त का भी है। इसके अलावा चंद्र मोहन शर्मा का कहना है कि बसों के चलने की कोई समय सारणी अब नहीं है। इनका कहना है कि बसों में इतनी गंदगी फैली हुई है की जान को जोखिम बना रहता है।
चंद्र मोहन का कहना है कि एक तो लोगों में कोरोना की मार तो वही एचआरटीसी की बसों में पसरी गंदगी कोरोना को गले लगाने के लिए आतुर है। बसों में सफर कर औद्योगिक क्षेत्र तक जाने वाले कामगारों का कहना है कि एचआरटीसी कालाअंब के लिए सुबह और शाम को फिक्स टाइम रखें। उन्होंने यह भी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यही व्यवस्था रही तो एचआरटीसी की बसों का घेराव किया जाएगा। मनीषा ठाकुर का कहना है कि देरी से फैक्ट्री पहुंचने पर एक तो उनका वेतन कट जाता है और दूसरा फैक्ट्री संचालकों पर बेड इन्फेक्ट पड़ता है।
उधर रीजनल मैनेजर एचआरटीसी जिला सिरमौर रशीद शेख का कहना है कि बसों में सवारी नहीं होती। दूसरी बसों की सवारियों को क्लब करके बस भेजी जाती है। फिर भी सोमवार के बाद समय फिक्स कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सोमवार से त्रिलोकपुर तक के लिए भी अतिरिक्त बस चला दी जाएगी।