नाहन। बीते मंगलवार को चंडीगढ़ के 32 सेक्टर स्थित अस्पताल में सिरमौर के नाहन से संबंध रखने वाली डेढ़ माह की बच्ची की कोरोना से मौत हो गई थी। डुकी कोटला गांव से संबंध रखने वाले गुर्जर परिवार की इस डेढ़ माह की बच्ची का अंतिम संस्कार चंडीगढ़ के 25 सेक्टर में बुधवार की देर शाम किया गया। बच्ची के ताऊ भूरा अली ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्ची के माता-पिता कोरोना संपर्क के चलते चंडीगढ़ बच्ची को दफनाने नहीं जा सके। लिहाजा मैं तथा मेरे ताऊ के दो लड़के अली शेर व इब्राहिम कल ही चंडीगढ़ चले गए थे।
उन्होंने बताया कि प्रशासन के द्वारा उन्हें बच्ची के अंतिम संस्कार के लिए मौलवी भी उपलब्ध करवाया गया था। मृतक बच्ची के नजदीक जाने की किसी को इजाजत नहीं थी। भूरा अली ने बताया की बच्ची को मेडिकल कॉलेज के द्वारा दफनाया गया जबकि मौलवी के द्वारा दफनाए जाने के दौरान नमाज अदा की गई। बरहाल डेढ़ माह की दूध मुही बच्ची की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिसमें सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि जब महिला की डिलीवरी घर पर ही नॉर्मल हुई तो बच्ची को कोरोना का संक्रमण कहां से लगा।
यही नहीं जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार यह परिवार किसी के भी यहां आता जाता नहीं था। जब से लॉकडाउन लगा है केवल महिला का पति गांव में दिहाड़ी करने जाता था। यह लोग पहले घुमंतू गुर्जर थे, बाद में सरकार के द्वारा इन्हें स्थाई निवास दिया गया। जिस माता-पिता ने अपनी डेढ़ माह की बच्ची को कोरोना से खो दिया है उनके पास पहले से 3 बच्चे भी हैं। मिली जानकारी के अनुसार बच्ची की कुछ दिनों पहले तबीयत बिगड़ रही थी जिसे वह स्थानीय गांव के डॉक्टर के पास चेकअप कराने लेकर गई।
जहां डॉक्टर ने उसे गैस्ट्रिक की दिक्कत बताई। उपचार के बाद बच्ची की तबीयत जब नहीं सुधरी तो उसे नाहन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां से उसे चंडीगढ़ रेफर किया गया। बीते मंगलवार को बच्चे की मौत चंडीगढ़ 32 सेक्टर में ही हो गई थी। जिसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद बच्ची के शव को परिजनों के सुपुर्द ना कर वही रख लिया गया था। जिसका बुधवार की देर शाम मौलवी व परिवार के तीन सदस्यों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया। इस परिवार के सम्पर्क में जो भी आए हैं अब उनकी पहचान करने के बाद कोरोना का टैस्ट किया जाएगा!