हिमाचल में दिन प्रतिदिन बढ़ रहा बीजेपी राज में भ्रष्टाचार बीजेपी के वरिष्ठ नेता ही कर रहे सरकार को कटघरे में- हर्षवर्धन चौहान
नाहन। देश और प्रदेश में जारी भ्रष्टाचार व घूसखोरी के बोलबाले पर अब बीजेपी के दिग्गज नेता शांता कुमार ने अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। यह बात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व शिलाई विधानसभा के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने अपने बयान में कही है। उन्होंने कहा कि वह लगातार बीजेपी सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार पर आवाज को विधानसभा के अंदर व बाहर उठाते आ रहे हैं लेकिन इस पर कोई सटीक कार्रवाई करने की बजाय सरकार के बचकाने बयान सामने आते हैं। सरकार कहती है कि कांग्रेस तो झूठे इल्जाम लगा रही है।
कांग्रेस को हल्ला करने की आदत हो गई परन्तु जब भ्रष्टाचार के आरोप पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने अपने ही सरकार पर लगाए तो इनकी आँखे खुली की खुली रह गई और स्थिति यह है कि बीजेपी के दिग्गज नेता शांता कुमार ने भ्रष्टाचार को लेकर राष्ट्रीय पार्टी के लिए नेताओ को चिट्ठी लिखकर भ्रष्टाचार को लेकर चिंता प्रकट की है। कोरोना संकटकाल में बीजेपी नेताओं के सेनिटाइजर , किट, दवाई मास्क घोटाला सामने आए और अब जमीन घोटाला, स्वाभाविक है कि जब शांता कुमार जैसे संतोष रखने वाले अनुभव नेता भ्रष्टाचार से आहत है, भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर बोल रहे है तो आप लोग देख सकते है कि कितना भ्रष्टाचार हो रहा है।
इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जब-जब हिमाचल में बीजेपी सरकार सत्ता में आई है तब-तब प्रदेश में जमीनों के घोटाले ,अवैध खनन ,शराब माफिया ,गुंडागर्दी बढ़ी है साथ मे बीजेपी के सरकार आते ही बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगे हैं। मानों प्रदेश में बीजेपी ने सत्ता को ही भ्रष्टाचार का जरिया बना लिया है। अभी ताजा घटनाक्रम में जिस तरह जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्री जमीनी विवाद के बाद विजिलेंस की जांच पूरी होने के बाद यह खुलासा हुआ कि सत्ता के दबाव और प्रभाव में अनुमति से कई गुणा जमीनें बेखौफ खरीदी गई हैं।
सत्ता के दम पर लैंड होल्डिंग सीलिंग एक्ट की धज्जियां उड़ाई गई हैं। इस जमीनी भ्रष्टाचार में मंत्री के रिश्तेदारों को भी करोड़ों की बेश्कीमती जमीन खरीद के आरोप लगे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में जब जमीनी भ्रष्टाचार में सरकार के मंत्री ही शुमार हैं, तो जमीनी स्तर पर चले रहे भ्रष्टाचार को कौन रोकेगा?
चौहान ने कहा कि सवाल यह उठता है कि जब मंत्री पर विजिलेंस की जांच शुरू हो गई थी तो मंत्री से इस्तीफा लेना जरूरी था ताकि जांच प्रभावित न होती।
मंत्री से इस्तीफा न लेना भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है, जो सरकार की लचर व लापरवाह कारगुजारी को उजागर कर रहा है या यूं मानें कि नियमों को ताक पर रखकर प्रदेश में सत्ता संरक्षण में चले रहे भ्रष्टाचार का सिलसिला किसी भी जांच से रुकने वाला नहीं है? उन्होंने कहा कि इस मामले की विजिलेंस ने जांच पूरी करके सरकार को सौंप दी है लेकिन मानव भारती यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री स्कैम, स्वास्थ्य विभाग घोटाला, हिमाचल प्रदेश के कई जिलो में कौड़ियाें की जमीन घोटाला, एनआईटी हमीरपुर में भर्ती फर्जीवाड़ा, आईएमएम नाहन में मनमानी व राजस्व विभाग में चल रहे घूसकांड हिमाचल प्रदेश के सड़को के टेंडर अपने चेहतों को देकर उसमे भ्र्ष्टारचार की जांचें बताती हैं कि सरकार जांच के नाम पर महज लीपापोती करने में लगी है।
हर्षवर्धन चौहान ने सिरमौर जिले के सतोन के समीप कच्ची ढांग एनएच-707 सड़क जो पांवटा से रोहडू को जोड़ती है उस सड़क को खोलने का 3 दिन का खर्चा 30 लाख दिखाना भी भ्र्ष्टाचार नही तो क्या है। मानव भारती यूनिवर्सिटी में सरकार कुछ लोगों को बचाने के प्रयास में इस मामले को सीबीआई को सौंपने से लगातार गुरेज कर रही है। सरकार में चले भ्रष्टाचार के बीच दलालों, माफियों का बोलबाला प्रदेश में अराजकता व आक्रोश बढ़ा रहा है। इन सब मामलों को लेकर विपक्ष सरकार को विधानसभा में घेरेगा ताकि भ्रष्टाचार के नासूर से जनता को निजात मिल सके। हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि अगर सरकार कुछ कारवाई नही करती तो हिमाचल कांग्रेस पार्टी हर जिले में सरकार के खिलाफ सड़को पर उतरने से गुरेज नही करेगी ,ये सब जनता का पैसा है और जनता के भलाई के लिए पैसा लगना चाहिए।