सेवानिवृत्त मोहनलाल अग्रवाल की देर रात हुई मौत, बेटा है कोरोना पॉजिटिव
अलकेमिस्ट चंडीगढ़ मे नहीं किया था मृतक को एडमिट, रात को ही साईं अस्पताल नाहन में हुआ था एडमिट
नाहन (हिमाचलवार्ता)। जिला मुख्य नाहन में 72 वर्षीय सेवानिवृत्त अध्यापक हाउसिंग बोर्ड निवासी मोहनलाल अग्रवाल की मौत हो जाने का समाचार मिला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मोहनलाल अग्रवाल कि अचानक तबीयत बिगड़ने पर उनके परिजन उन्हें अलकेमिस्ट चंडीगढ़ इलाज के लिए लेकर गए। अलकेमिस्ट प्रबंधन के द्वारा कोरोना सिम्टम्स के चलते पहले मरीज की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मांगी गई।
अलकेमिस्ट के सीनियर मेडिकल ऑफिसर ने पुष्टि करते हुए बताया कि मोहनलाल अग्रवाल नाम के पेशेंट का उनके यहां कोई कोरोना टेस्ट नहीं हुआ था। उन्होंने बताया उनके पास बेड और वेंटिलेटर की सुविधा फिलहाल नहीं है। लिहाजा मोहनलाल अग्रवाल के परिजन उन्हें वापिस नाहन ले आए। उनके परिजनों ने साईं अस्पताल प्रबंधन से मरीज की सीरियस कंडीशन के बारे में बताया। जिसके बाद वे उसे साईं अस्पताल लेकर आए।
क्योंकि साईं अस्पताल में मरीज की गंभीर हालत देखते हुए पहले इलाज यानी जान बचाना जरूरी समझकर उनका ट्रीटमेंट शुरू किया। अस्पताल प्रबंधन सीएमडी दिनेश बेदी ने बताया कि पेशेंट को रात 12:00 बजे के आसपास एडमिट किया गया था और सुबह 4:00 बजे के आसपास मोहनलाल अग्रवाल की मौत हो गई।
परिजन मृतक को घर ले आए जानकारी यह भी मिली है कि उनका क्रिमिनेशन आज किया जाना है।
सवाल यह उठता है कि मृतक व्यक्ति का बेटा कोरोना पॉजिटिव आया है जबकि मोहनलाल अग्रवाल की जब पहले हल्की-फुल्की तबीयत और सांस की प्रॉब्लम हो रही थी तो वे नाहन मेडिकल कॉलेज में भी गए। जहां चिकित्सक ने लक्षण के आधार पर पहले उन्हें कोरोना टेस्ट करने की सलाह दी। मगर उन्होंने कोरोना टेस्ट नहीं करवाया। अब सवाल यह भी उठता है कि जब परिवार में पहले से एक व्यक्ति यानी उनका बेटा कोरोना पॉजिटिव था तो मरीज का परिजनों ने इलाज से पहले टेस्ट क्यों नहीं करवाया।
जबकि मरीज दवाई लेने के लिए केमिस्ट शॉप पर भी गए और अस्पताल में भी गए और जिसके बाद उनकी हालत भी बिगड़ी और उन्हें चंडीगढ़ ले जाना पड़ा। हैरानी तो इस बात की है कि इस पूरे घटनाक्रम की ना तो मेडिकल प्रबंधन को जानकारी है और ना ही जिला प्रशासन को कोई सूचना मिली है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब हर स्थिति में पेशेंट की पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दी जाती है तो ऐसे में मृतक मोहनलाल अग्रवाल का कोरोना टेस्ट क्यों नहीं लिया गया।
अब यदि मृतक का इनविटेशन हो जाता है और ना तो उनका पोस्टमार्टम हुआ होगा और ना ही उनका कोई सैंपल उठाया गया होगा। अब क्योंकि कोरोना कम्युनिटी स्प्रेड पर आ चुका है ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर क्या स्थिति शहर की हो सकती है इस पर भी सवालिया निशान लगते नजर आ रहे हैं। जबकि साईं अस्पताल नाहन ने मरीज के संपर्क में आने के बाद अपने मेडिकल स्टाफ को कंटेनमेंट कर दिया है।
इसके साथ साथ जिस अलग कमरे में मरीज को रखा गया था उसको भी पूर्ण रूप से सैनिटाइज कर सुरक्षित किया गया है। उधर उपायुक्त जिला सिरमौर डॉक्टर आरके परुथी ने बताया कि पेशेंट को जांचना मेडिकल विभाग का कार्य है। वहीं सीएमओ डॉ केके पराशर ने बताया कि उन्हें इनके परिजनों के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई है।