लावारिस पशुओं की बढ़ती संख्या से किसानों की मेहनत पर फिर रहा पानी, फसलों को भारी नुकसान
नाहन (हिमाचलवार्ता)। ग्रामीण क्षेत्र में लावारिस पशुओं की दिन प्रतिदिन बढ़ती संख्या किसानों और प्रशासन के लिए बड़ी समस्या बनी है। इन पशुओं के झुंड जहां से भी गुजरते हैं वहां खड़ी फसल को मिनटों में बरबाद कर देेेते हैं। इन पशुओं में देसी नस्ल की गाय और बछड़ों की ज्यादा संख्या है। इनको अपने क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भगाने को लेकर किसानों के बीच आए दिन झगड़े भी होते रहते हैं।
हालत ऐसी है कि किसान रात-दिन खेतों में पहरा देते हैं, लेकिन मामूली लापरवाही होते ही ये पशु पूरी फसल का नष्ट कर देते हैं। सतौन में कई जगह पशुओं का जमावड़ा देखा जा सकता है। यह पशु एनएच पर हादसों को भी लगातार न्यौता दे रहे हैं। रोजाना सैकड़ों पशु रात को एनएच-707 पर सतौन बस स्टैंड पर एकत्रित हो जाते हैं और बीचों बीच सड़क पर लेट जाते हैं। सड़क से गुजरने वाले मुसाफिरों को गाड़ी रोक कर पहले मवेशियों को हटाना पड़ता है और कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी है।