केंद्र सरकार को पुन: विचार करना होगा, इन कानूनों से सरहदी राज्य का शांतमयी माहौल बिगड़ेगा
हरसिमरत बादल की ‘किसान भाईयों’ की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुये पूछा, किसान विरोधी आर्डीनैंस लाए जाने के मौके पर आप कहाँ थे?
चंडीगढ़ (हिमाचलवार्ता)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज केंद्र सरकार द्वारा देश पर जबरन थोपे गए कृषि कानूनों को अकालियों की हिस्सेदारी वाली भाजपा की एन.डी.ए. की ‘किसान मारू, पंजाब मारू’ साजिश का हिस्सा करार दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सब कुछ घटने के बावजूद अकाली अपने राज्य और लोगों की कीमत पर बेशर्मी के साथ गठजोड़ का हिस्सेदार बने हुए हैं।
पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के वर्चुअल किसान मेले की शुरुआत के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे नहीं पता कि भाजपा और अकालियों की पंजाब के साथ क्या दुश्मनी है और वह हमें तबाह करने पर क्यों तुले हुए हैं? यह मेला ऑनलाइन संपर्क के साथ 100 स्थानों पर हुआ जिनमें कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ समेत किसानों, किसान नुमायंदों और अन्य भाईवालों ने शिरकत की।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक बार फिर चेतावनी दी कि यह कानून सरहदी राज्य के लोगों में गुस्सा की भावना पैदा करेंगे जिससे पाकिस्तान को आग और भडक़ाने का मौका मिल जायेगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह किसान विरोधी कदम पंजाब की आबो-हवा को खऱाब करेगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर फिर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि यह कानून मुल्क की अनाज सुरक्षा के लिए पंजाब और यहाँ के किसानों की तरफ से 65 सालों में से किये बलिदानों को मिट्टी में मिला देंगे।
इस समूचे मामले में अकालियों की तरफ से अपने संकुचित राजनैतिक हितों की ख़ातिर राजनीति खेलने का दोष लगाते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बादलों को पूछा कि इन कृषि बिलों और पानी के संवेदनशील मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल पंजाब सरकार के साथ खडऩे में नाकाम क्यों रहा। उन्होंने अकालियों को कहा कि क्या आपने एक बार भी सोचा कि कृषि और पानी के बिना पंजाब के साथ क्या होगा? उन्होंने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दा लटक रहा है, हालात ख़तरनाक हैं और अकाली दल ने सिफऱ् कृषि आर्डीनैंसों का समर्थन करके संकट बढ़ाने में योगदान डाला।