चंडीगढ़ (हिमाचलवार्ता)। पंजाब सरकार ने राज्य की पिछड़ी श्रेणियों से सम्बन्धित नौजवानों का आर्थिक मानक ऊँचा उठाने के लिए साल 2020 -2021 के दौरान 1127.75 लाख रुपए का कर्ज मुहैया करवाने का लक्ष्य निश्चित किया है।
पंजाब के सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने बताया कि पंजाब पिछड़ी श्रेणियां भू विकास और वित्त कोरर्पोशन (बैकफिंकों) ने साल 2020-21 के दौरान एन.बी.सी. स्कीम के अधीन 751 लाभपात्रियों को 1127.75 लाख रुपए कर्ज बाँटने का लक्ष्य निश्चित किया है। इसी के अंतर्गत 31 जुलाई, 2020 तक 65 लाभपात्रियों को 109.60 लाख रुपए के कर्जे बाँटे जा चुके हैं। इसके अलावा सीधा कर्ज स्कीम के अधीन 3 लाभपात्रियों को 5.50 लाख रुपए के कर्जे बाँटे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरर्पोशन की तरफ से साल 2016-17 से साल 2019 -2020 तक सीधा कर्ज स्कीम, एन.बी.सी. स्कीम और एन.एम.डी. स्कीम के अंतर्गत कुल 1459 लाभपात्रियों को 2433.86 लाख के कर्जे जरूरतमंद नौजवानों को बाँटे जा चुके हैं।
मंत्री ने आगे बताया कि सरकार की तरफ से राज्य की पिछड़ी श्रेणियों से सम्बन्धित नौजवानों को सस्ते दरों पर कर्ज मुहैया करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त नौजवान इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं और अपना पेशा शुरू करके अपना आर्थिक विकास कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बैकफिंकों की तरफ से पिछड़ी श्रेणी वर्ग के नौजवानों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए भी कर्जे का प्रबंध किया गया है। इस स्कीम के अंतर्गत विद्यार्थी पढ़ाई करने के लिए 4 प्रतिशत ब्याज की दर पर कर्ज ले सकते हैं। लड़कियों के लिए ब्याज की दर 3.5 प्रतिशत सालाना है।
स. धर्मसोत ने आगे बताया कि कर्जे की वापसी कोर्स ख़त्म होने से 6 महीने बाद मासिक किश्तों में 5 सालों में ली जाती है। उन्होंने बताया कि विदेशों में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपए तक का कर्ज मुहैया करवाने का उपबंध भी किया गया है। उन्होंने कहा कि बैकफिंकों से कर्ज लेने के लिए मुख्य योग्यताओं को पूरा करना ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त नौजवानों को कर्जे देने समय पहल दी जायेगी।