महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की अनूठी पहल, गाय के गोबर से तैयार होंगे मेड-इन-सिरमौर दीये
इस बार गोबर के दीयों से घरों में रोशनी की जाए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता व लोकल से वोकल का संदेश दिया था ताकि सभी वर्गों को स्वरोजगार मिलने के साथ-साथ विकास हो सके। प्रधानमंत्री के इसी मंत्र को डीसी सिरमौर ने जिला में बखूबी लागू करने का प्रयास किया है।
नाहन (हिमाचलवार्ता)। सिरमौर जिला में महिलाएं आत्मनिर्भर होने की दिशा में बढ़ रही हैं। महिलाएं मेड-इन-सिरमौर के तहत जिला में इस बार दीपावली को खास बनाने की तैयारियों में जुटी हुई हैं। आत्मनिर्भरता की अनूठी पहल के तहत महिलाएं गाय के गोबर से मिट्टी के दीये तैयार कर रही हैं।
जिला प्रशासन का प्रयास है कि इस बार गोबर के दीयों से घरों में रोशनी की जाए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता व लोकल से वोकल का संदेश दिया था ताकि सभी वर्गों को स्वरोजगार मिलने के साथ-साथ विकास हो सके। प्रधानमंत्री के इसी मंत्र को डीसी सिरमौर ने जिला में बखूबी लागू करने का प्रयास किया है।
मेड-इन-सिरमौर के तहत विभिन्न उत्पादों को तैयार किया जा रहा है। इस कड़ी में सिरमौर जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग के साथ मिलकर एक अनूठी पहल शुरू की हैौ नाहन के पास माता बालासुंदरी गौसदन में गाय के गोबर से दीवाली के लिए दीये बनाए जा रहे हैं।
इस काम में ग्रामीण क्षेत्र के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जोड़ा गया है और उन्हें प्रशिक्षित करके घर द्वार पर रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, गोसंवर्धन की दिशा में भी कार्य हो रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा गोबर व मिट्टी को मिलाकर आकर्षक दीये बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
खुद डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने अपने कार्यालय में गोबर से तैयार इन दीयों को जलाकर महिलाओं के हौसले को बढ़ाने का प्रयास किया है। जिला प्रशासन ने इस बार दीपावली के लिए करीब 20 हजार दीयों को तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
इन दीयों को डिब्बा बंद करके मेड इन सिरमौर की ब्रांडिंग से दीवाली में बाजार में उतारा जाना है. स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भी इस कार्य से खासी उत्साहित हैं और आत्म निर्भरता की दिशा में उठाए जा रहे इस कदम से खुश हैं। जिला प्रशासन इस कार्य में महिलाओं के साथ खड़ा है और उन्हें तकनीकी व सामग्री एक स्थान पर ही उपलब्ध करवा रहा है।