प्रदेश की एकमात्र लॉन्ग शूटिंग रेंज चढ़ गई कोविड-19 की भेंट
जिला सिरमौर प्रशासन के आगे लोगों को कोरोना से बचाने की चुनौती, नहीं है शूटिंग रेंज का विकल्प
नाहन (हिमाचलवर्ता)। प्रदेश की एकमात्र लॉन्ग रेंज राइफल शूटिंग साइड जुड्ड के जोहड़ में अब अनिश्चित काल तक ओलंपिक, राष्ट्रीय व जिला स्तर पर ना तो प्रैक्टिस हो पाएगी और ना ही प्रतियोगिताएं संभव हो पाएगी। असल में इस एकमात्र लोंग फायरिंग रेंज को कोविड-19 सेंटर में कन्वर्ट कर दिया गया है। जिला सिरमौर प्रशासन के सामने जहां कोविड-19 के मरीजों की जान को बचाना बड़ी चुनौती है तो वही शूटिंग रेंज को इसके लिए चुने जाने को लेकर प्रदेश व जिला राइफल शूटिंग एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति भी दर्ज की है।
जिला सिरमौर राइफल एसोसिएशन के सचिव विभूति सिंह ने बताया कि आज ही सरकार के द्वारा खेलों के लिए एस ओ पी जारी हुई है। मगर आज से ही प्रशासन के द्वारा लॉन्ग रेंज की एकमात्र शूटिंग साइट को कोविड-19 उपचार लिए संरक्षित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि लॉन्ग रेंज की शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस के लिए पुलिस के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी यहां आते हैं। गौर हो की ओलंपिक खेलने वाले पुलिस के डीएसपी विजय फायरिंग रेंज में ही प्रैक्टिस किया करते हैं।
इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करने वाले शूटर नरेश शुभम सुरेश मानवेंद्र ठाकुर सहित दर्जनों शूटर इस शूटिंग रेंज में अक्सर प्रैक्टिस करने आते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब ना केवल स्टेट लेवल की बल्कि राष्ट्रीय स्तर की भी शूटिंग प्रतियोगिता है जल्द आयोजित होनी है। ऐसे में राइफल पिस्टल आदि के शूटर लॉन्ग रेंज में शूटिंग करने से वंचित हो जाएंगे। हालांकि प्रशासन इस विषय को लेकर काफी गंभीर भी है मगर प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस समय लोगों की जान बचाना भी बना हुआ है।
अब यदि शूटिंग रेंज के लिए आर्मी हामी भर देती है तो इस समस्या का समाधान हो सकता है। वही राइफल शूटिंग एसोसिएशन का एक डेपुटेशन सचिव विभूति सिंह के नेतृत्व में उपायुक्त जिला सिरमौर डॉक्टर आरके पारूथी से मिला। एसोसिएशन के पदाधिकारी का कहना है कि प्रशासन की ओर से उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि शूटिंग रेंज को कोविड-19 के लिए चुने जाने को लेकर वे मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे। डेपुटेशन के दौरान जॉइंट सेक्रेटरी संजय ठाकुर आदि कई शूटर मौजूद रहे।
उधर, जिला उपायुक्त सिरमौर डॉक्टर आरके परुथी ने बताया कि प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों की इस वैश्विक महामारी से सुरक्षा है। उनका कहना है कि खेल तो फिर भी खेले जा सकते हैं अगर जीवन बचा रहे। फिर भी कोई और अगर विकल्प मिलता है तो विचार किया जा सकता है। बरहाल जिला सिरमौर प्रशासन बात तो सही कह रहा है मगर पुलिस यदि शार्प शूटर नहीं होगी तो वह खतरनाक अपराधियों को उनके अंजाम तक कैसे पहुंचा पाएंगे। तो वही इस खेल में ना केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित करने वाले खिलाड़ी बिना प्रैक्टिस के कहीं जग ना खा जाए।