जयराम सरकार ने महंगाई बढ़ा कर तोड़ी आम आदमी की कमर : नात्थु राम चौहान
नाहन (हिमाचलवार्ता)। हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार ने आम जनता को महंगाई के गर्त मे धकेल दिया है। आलम यह है कि आए दिन जन विरोधी निर्णय लेकर जनता पर बोझ डाला जा रहा है। यह बात पांवटा साहिब मे आयोजित पत्रकार वार्ता में एंटी क्रप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स के स्टेट चीफ नात्थु राम चौहान ने कही।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल मे भाजपा की सरकार ने एक भी जनहित के कार्य नही किये है। 55 हजार करोड़ रूपये कर्ज प्रदेश पर है और सरकार एक हजार करोड़ रूपये कर्ज और लेने जा रही है।
क्या किसी मंत्री ने भी एक माह की सैलरी छोड़ी है। कांग्रेस को भी सोंचना पड़ेगा, आम आदमी की आवाज बनना पडेगा। 88 हजार रूपये प्रति हिमाचली पर कर्ज है। इस पर ब्याज भी जनता की जेब से ही जाएगी। जब तक जनता शांत है, जनता के बारे से सोंचे सरकार वरना वह दिन दूर नही जब जन आंदोलन होगा।
उन्होंने कहा कि जैसे अंग्रेजो को काले झंडे दिखाए जाते थे ऐसा न हो कि भाजपा सरकार को काले झंडे दिखाने पड़े। जयराम सरकार से यदि जनता के हित के काम नही हो पाते तो जनता को मंहगाई के बोझ तले तो न डाले। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मे मंहगाई चरम पर है।
सरकारी डिपो मे हर खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ा दिये। बिजली कनेक्शन की सिक्योरिटी चार गुणा कर दी, बसों का किराया बढ़ा दिया है, फीस मे 10 फीसदी वृद्धि कर दी। ऐसे मे लगता है कि भाजपा का नारा शिखर की और हिमाचल सार्थक हो रहा है। लेकिन यह नारा विकास पर नही बल्कि हिमाचल को मंहगाई के शिखर पर पंहुचाने का बन गया है।
यदि सरकार आम आदमी के बारे मे नही सोंचा तो जनता को सोंचना पड़ेगा। और वह सोंच तीसरे बिकल्प के बारे मे भी हो सकती है। यदि नेता मंत्री को जनता के हित का ध्यान नही तो पद पर बने रहने का अधिकार नही है। इसलिए मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा यदि नेता और मंत्री जनता के हित के लिए नही कर सकते तो अपने पद से इस्तीफा दे दो क्योंकि आपको आम जन ने ही यह पद दिया है।जयराम सरकार से यदि जनता के हित के काम नही हो पाते तो जनता को मंहगाई के बोझ तले तो न डाले।