नाहन (हिमाचलवार्ता)। छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में सीबीआई की टीम पिछले 2 दिनों से जिला सिरमौर में दबिश दे रही है। सीबीआई की टीम ने नाहन, पांवटा साहिब व शंभुवाला में अब तक करीब 2 दर्जन छात्रों से पूछताछ कर उनके प्रमाण पत्रों की जांच की। साथ ही उन्हें बताया कि उनके नाम पर असम एजुकेशन ग्रुप तथा नाहन नाएलेट ने किस तरह छात्रवृत्ति का फर्जीवाड़ा कर करोड़ों का घोटाला किया है। सीबीआई के डीएसपी बलबीर शर्मा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर वीरेंद्र कश्यप तथा उनके सहयोगी प्रदेश में हुए 29 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे हैं।
शुक्रवार व शनिवार को कई स्थानों पर पंहुच कर टीम ने वर्ष 2014 में असम एजुकेशन ग्रुप तथा वर्ष 2016 में नाहन नाएलेट संस्थान में जिन छात्रों ने दाखिले लिए थे तथा इन छात्रों को जो प्रमाण पत्र बांटे गए थे, उसकी जांच की गई। जोकि पुरी तरह से फर्जी पाए गए। इस संस्थान की मान्यता केंद्र तथा प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग से नहीं थी। विदित रहे कि हिमाचल प्रदेश में नाएलेट संस्थान ने ऊना, कांगड़ा, सिरमौर व चंबा में आठ संस्थान वर्ष 2014 से 2017 तक खोलें, जिसमें कि 29 करोड़ के करीब छात्रवृत्ति घोटाला किया है।
इन आठ संस्थानों में 4000 छात्रों के नाम से यह छात्रवृत्ति घोटाला किया गया है। जिला सिरमौर के छात्रों के बैंक खाते पंचकूला के बैंक में खोले गए, जिसके बारे में छात्रों को आज तक भी पता नहीं कि संस्थान ने उनके खाते पंचकूला में खोले तथा उनके खातों में छात्रवृत्ति की राशि आई। जिसे संस्थान के कर्ताधर्ता डकार गए। इन छात्रों को वर्ष 2014-15-16 में बीसीए का छात्र दिखाया जाता था। जबकि 2016-17 में डीसीए का छात्र दिखाकर इनकी छात्रवृत्ति को हड़प लिया गया। सीबीआई की टीम ने अभी कुछ दिन ओर इस संस्थान के छात्र रह चुके लोगों से बातचीत कर उनके बयान दर्ज तथा उनके प्रमाण पत्रों की जांच करेगी।