चंडीगढ़ (हिमाचल वारता)। हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री श्री कवंरपाल ने कहा कि शहीद लाला लाजपत राय भारत के उन अमर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे जिन्होंने मातृभूमि को पराधीनता की बेडियों से आजाद कराने के लिए हर संभव प्रयास किए। उन्होंने देशभक्ति में वे आदर्श स्थापित किए जिनके लिए संपूर्ण देश उनका सदैव ऋणी रहेगा।
शिक्षा मंत्री ने आज यमुनानगर में पंजाब केसरी शहीद लाला लाजपत राय जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि भारत भूमि हमेशा से ही वीरों की जननी रही है। ऐसे ही एक वीर शेर-ए-पंजाब लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे जिन्होंने देश सेवा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और अपने जीवन का एक-एक कतरा देश के नाम कर दिया। उन्होंने कहा कि आज लाला लाजपत राय का बलिदान दिवस है। आज ही के दिन सन 1928 में लाला लाजपत राय अंग्रेजी हकूमत से लड़ते हुए शहीद हो गए थे।
उन्होंने बताया कि साइमन कमीशन के विरोध के वक्त उनके शरीर पर मारी गई लाठियों के जवाब में लाला जी ने तब कहा था कि अंग्रेजी सरकार द्वारा बरसाई जा रही लाठियां हिन्दुस्तान में ब्रिटिश राज के लिए ताबूत की आखिरी कील साबित होंगी। उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में स्वामी दयानंद सरस्वती से मिलने के बाद आर्य समाजी विचारों ने उन्हें प्रेरित किया। आजादी के संग्राम में वे तिलक के राष्ट्रीय चिंतन से भी बेहद प्रभावित रहे। बाल-लाल-पाल की तिकड़ी के स्वतंत्रता आन्दोलन में संकलित राष्ट्रीय योगदान में लाला लाजपत राय का सम्मानीय स्थान है। लाला जी कोलकाता के विशेष अधिवेशन 1920 के अध्यक्ष रहे।