नाहन आर्मी सिविलियन विवाद पर डबल इंजन की प्रदेश सरकार सफल होने के कगार पर!
नाहन (हिमाचलवार्ता)। 40 साल से लगातार चल रहा जिला मुख्यालय नाहन का मिलिट्री सिविलियन विवाद जल्द हल होने की स्थिति में आ चुका है। प्रदेश सरकार ने 15 सिविल आर्मी मसलों को लेकर ज्वाइंट कमेटियों की नोटिफिकेशन जारी कर दी है। इससे पूरे प्रदेश के करीब 15 मसले शामिल हैं। वेस्टर्न कमांड आर्मी नोटिफिकेशन के अनुसार लैंड मॉनिटरिंग को तीन कैटेगिरी में बांटा गया है। इसमें नाहन मिलिट्री सिविलियन विवाद को दूसरी श्रेणी में जगह मिली है। इस श्रेणी के अनुसार जो वर्किंग ग्रुप बनाया गया है, उसमें सबसे पहले ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम व आर्मी की ओर से एडमिन कमांडेंट शिमला ग्राउंड लेवल प्रोसेसिंग रिपोर्ट तैयार करेंगे।
इसके बाद ज्वाइंट एग्जीक्यूटिव कमेटी, जिसमें डीसी सिरमौर व स्टेशन कमांडेंट लैंड नाहन आर्मी की ओर से जो लैंड आर्मी को दी जानी है और जो जमीन विवादित है, इसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे। ज्वाइंट कमेटी के ऑप्रेशनल चीफ सेक्रेटरी तरुण श्रीधर व आर्मी की ओर से मेजर जनरल ऑप्रेशनल लॉजिस्टिक बैकलॉग पर लैंड ट्रांसफर की संस्तुति रिपोर्ट स्वीकृति के लिए भेजेंगे। सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त बीसी बडालिया ने रेवेन्यू विभाग के साथ मिलकर अपनी रिपोर्ट पहले ही तैयार कर ली है।
इसके अनुसार करीब 414 बीघा जमीन जो सिविलियन के कब्जे में है, इसमें बिरोजा फैक्टरी से धार क्यारी गाव तक सड़क का एक छोटा पेंच भी शामिल है। जो जमीन आर्मी को सरकार ट्रांसफर करेगी। उस पर यह कमेटी अपनी सहमति देगी, यानी यह विवाद अब निश्चित ही हल हो सकता है। यह प्रदेश सरकार की नाहन शहर को एक बहुत बड़ी सौगात होगी। करीब 10 हजार लोग इससे राहत की सांस लेंगे।