दिल्ली (हिमाचल वार्ता) :- दुनिया भर के अरबपतियों ने बाजार को भांपते हुए कोरोना वैक्सीन के निर्माण में अरबों रुपए निवेश कर दिए हैं। ब्राजील के सबसे रईस कारोबारी जॉर्ज पाउलो लेमेन ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन में भारी-भरकम निवेश किया है ताकि ब्राजील में भी टीके का निर्माण हो सके। वहीं मैक्सीको के अरबपति कार्लोस स्लिम ने भी इसी कंपनी के साथ साझेदारी की है ताकि मैक्सिको और अर्जेंटीन के लिए करीब 25 करोड़ डोज का बंदोबस्त हो सके।
टीके के निर्माण में लगी जर्मनी की कंपनी कर्ववैक में जर्मनी के अरबपति और सॉफ्टवेयर कंपनी सैप के सह संस्थापक देतमार हॉप ने 18.9 करोड़ डॉलर निवेश किया है। उन्होंने कर्ववैक कंपनी के तकरीबन 80 फीसदी शेयर खरीद लिए हैं। बीते दो महीनों में कई अमीर निवेशकों ने मॉडर्ना, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन, एस्ट्राजेनेका, ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन, एबॉट और सनोफी जैसी फार्मा कंपनियों के शेयरों में भारी निवेश किया है।
चंद महीनों में करोड़ों कमाए
बोयोएनटेक में निवेश करने वाले जर्मनी के दो भाइयों थॉमस व एंड्रियाज स्ट्रगमैन की नेट वर्थ में महज चंद महीनों के भीतर 1.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो गई है। बायोएनटेक ने नामी दवा कंपनी फाइजर के साथ टीका बनाने को लेकर करार किया है। खबरों के मुताबिक, पुणे के अदार पूनावाला ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर करीब 3300 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। पूनावाला की कंपनी सेरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही है। पूनावाला का कहना है कि भारत में जितनी भी डोज तैयार होंगी उनमें से वह अन्य देशों को देंगे और आधी भारत में इस्तेमाल होंगी।
हार्वर्ड का प्रोफेसर बना अरबपति
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर टिमोथी स्प्रिंगर ने मॉडर्ना कंपनी में निवेश किया, जिसने उन्हें महज छह महीने में अरबपति बना दिया। उन्हें अपने निवेश पर 17 हजार फीसदी का फायदा हुआ। उनकी नेट वर्थ अब अरब डॉलर तक पहुंच गई है और वह अमेरिका में शिक्षक कार्य से जुड़े सबसे अमीर शख्स बन गए हैं।
दुनियाभर में 23 कंपनियां बना रहीं वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन बनाने की दौड़ में दुनियाभर की 23 कंपनियां शामिल हैं। इनमें एमजेन और एडेप्टिव बायोटेक्नोलोजी, अल्टीम्यूनी, बायोएनटेक और फाइजर, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन, जॉनसन एंड जॉनसन, मोर्डना, नोवावैक्स, आदि शामिल हैं।