नाहन के रुखड़ी स्थित कृत्रिम झील में भी प्रवासी पक्षियों का है डेरा
नाहन (हिमाचलवार्ता)। कांगड़ा जिला के पोंग बांध में प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। जिसके बाद हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा प्रशासनिक स्तर पर आपात बैठक के बाद आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। चूंकि जिला सिरमौर में वैट लेंड क्षेत्र के अंतर्गत श्री रेणुका जी झील और उन सभी क्षेत्रों में जहां पर प्रवासी पक्षियों का बसेरा बना हुआ है उन पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने संबंधित विभागों को दिशा निर्देश भी जारी कर दिए है। अहम बात तो यह है कि श्री रेणुका जी के बाद नाहन-पांवटा रोड पर शंभू वाला रुखड़ी में श्री मारकंडा नदी के साथ बनाई गई मानव निर्मित झील में प्रवासी पक्षियों को भी देखा गया है।
इसके अलावा पांवटा साहिब के साथ लगते उत्तरांचल स्थित जमुना नदी की झील में हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा देखा गया है। ऐसे में जब बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है तो जिला सिरमौर प्रशासन पूरी तरह से हरकत में आ गया हैं। उपायुक्त जिला सिरमौर डॉ. आरके परुथी के द्वारा पशुपालन विभाग वन विभाग तथा वाइल्डलाइफ को विशेष रूप से पक्षियों के व्यवहार पर नजर बनाए रखने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
जारी निर्देशों के तहत इन क्षेत्रों में अगर कोई पक्षी या पशु अननेचुरल डेथ के तहत दिखाई देता है तो उसे बगैर जांच के डिस्पोज नहीं किया जाएगा। इसके साथ साथ पंख नुमा पक्षियों को ना खाए जाने की भी हिदायत दी गई है। हालांकि अभी तक सिरमौर के उन सभी क्षेत्रों में जहां प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा है उनके व्यवहार में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नजर नहीं आया है और ना ही कोई पक्षी अभी तक मृतक मिला है। बावजूद इसके जिला सिरमौर प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तमाम संबंधित विभागों के साथ अपनी तैयारी कर चुका है।
उधर, डीएफओ वाइल्डलाइफ कृष्ण कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर विभागों के साथ-साथ बर्ड वाचर यानी पक्षी प्रेमियों को भी पक्षियों के व्यवहार को लेकर सूचना देने के लिए कहा गया है। वही वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि अधिकतर प्रवासी पक्षी एक निश्चित स्थान पर ही हर वर्ष आते जाते हैं और एक बार जिस स्थान पर वह आ जाते हैं उसके बाद उस जगह से उनकी सिर्फ वापसी होती है वह दूसरे ओवैसी स्थान का चयन नहीं करते हैं। बरहाल एक और जहां कोरोना को लेकर सरकार व प्रशासन पहले से ही व्यवस्थाएं बनाने में जुटा हुआ है तो वहीं बर्ड फ्लू की आशंका ने कोढ़ में खाज पैदा कर दी है।