– घर-घर में से एकत्र किया जा रहा है गिला व सुखा कचरा
– गांव की महिलाओं ने कचरा प्रबंधन पर तसली प्रगट की, कहा घर तथा आस-पास हो रहा है स्वच्छ
लंग (पटियाला), (हिमाचलवार्ता)। गांव के घरों में से पैदा होते कचरे के निपटारे के लिए गांव लंग बाकी गांवों के लिए एक उदाहरण बनकर सामने आया है। यहां की ग्राम पंचायत ने स्वच्छ भारत ग्रामीण स्कीम तहत मगनरेगा अधीन राउंड गलास संस्था के सहयोग के साथ गांव में कचरे की संभाल व इसके निपटारे के लिए प्रयास करके ठोस कचरा निपटारा प्रबंधन करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक करके अपने घरों में से पैदा होते कचरे को ठिकाने लगाने के प्रबंध किए हैं।
इस गांव की निवासी महिला दलजीत कौर ने कहा कि घरों में से कचरा एकत्र किए जाने के साथ उनको आसानी हो गई है, जिसके कारण उनको अपने घरों का कचरा बाहर फेंकने नहीं जाना पड़ता। इसके साथ वह अपने घर में पैदा होते रसोई के कचरे को एक अलग कूड़ादान में रखते हैं तथा प्लास्टिक व न गलने वाले कचरे को दूसरे कूड़ादान में रखते हैं। जबकि एक अन्य निवासी महिला संदीप कौर ने कहा कि उनको गर्व है कि वह इस कूड़ा संभाल स्कीम तहत अपने गांव को साफ-सुथरा रखने में सहयोग डाल रहे हैं तथा वह धन्यवाद भी करते हैं राउंड संस्था का जिसने उनको कूड़ादान उपलब्ध करवाए, जिसके साथ वह अपने घर के कचरे का साफ-सुथरे ढंग के साथ निपटारा करने में सक्षम बने हैं।
घरों में से कचरा अलग-अलग इका करने वाले कुलवीर सिंह ने कहा कि वह लोगों के घरों में से गिला तथा सुखा कचरा अलग-अलग इकट्ठा करते हैं और इसको गांव के बाहर बनाए गए विशेष कूड़ा डंप में एकत्र करते हैं, जहां गीले कूड़े से खाद बन जाती है। उसने बताया कि यहां बनती खाद नर्सरियों या खेतों में इस्तेमाल की जाती है। जबकि सुखा कचरा, जिसमें प्लास्टिक के लिफाफे आदि शामिल हैं, को आगे दोबारा इस्तेमाल में लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गांव के सरपंच बलविंदर सिंह ने बताया कि हर घर पानी घर सफाई मिशन तहत गांव लंग में लगभग 250 घरों में से सुखा तथा गिला कचरा अलग-अलग करके इका करके ठोस कूड़ा प्रबंधन वाली जगह में लेकर जाया जाता है तथा अब अन्य घरों के कूड़े को भी इसी ढंग के साथ इका करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस दौरान एडीसी (विकास) डॉ. प्रीति यादव ने बताया कि जिले के गांवों में कूड़ा प्रबंधन तथा गंदे पानी के प्रबंधन के प्रोजेक्ट पर तेजी के साथ कार्य चल रहा है।