Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • सिरमौर में 40 सड़कों को 2.80 करोड़ का नुकसान, बिजली बोर्ड को भी बड़ा झटका
    • किंकरी देवी के नाम पर संगडाह में प्रस्तावित पार्क का अधूरा निर्माण कार्य
    • नाहन अदालत परिसर को बम से उड़ने की धमकी
    • बिरोजा फैकट्री के नजदीक बरसाती नाले ने मचाया कहर
    • हाईकोर्ट के आदेशों की उड़ रही सरेआम धज्जियां एनएच 707 पर डायनामाइट से पहाड़ उड़ा कर
    • पुलिस थाना पुरुवाला ने सट्टा लगवाते युवक को रंगे हाथ पकड़ा
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Wednesday, July 9
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»हिमाचल को बल्क डृग पार्क का रास्ता साफ
    हिमाचल प्रदेश

    हिमाचल को बल्क डृग पार्क का रास्ता साफ

    By Himachal VartaMarch 14, 2021
    Facebook WhatsApp

     

     

    नाहन।देश के दवा उद्योगों पर चीन की निर्भरता को खत्म करने को लेकर 3 राज्यों में जल्द बल्क ड्रग पार्क बनाए जाने को लेकर रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे देश भर से करीब 13 राज्यों ने बल्क ड्रग पार्क के लिए आवेदन किए थे। जिनमें प्रदेश की जयराम सरकार ने भी विशेष इनीशिएट लेते हुए इसके लिए अप्लाई किया था। जिसमें पहले बद्दी में जमीन चयन की गई थी मगर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के मद्देनजर छना (सिरमौर) में जमीन देखी गई है।

    हिमाचल प्रदेश इंडस्ट्री विभाग के द्वारा आवेदन के प्रारूप के अनुसार एक बेहतर प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्र को भेजी थी। जिसके बाद यह लग रहा था कि बल्क ड्रग पार्क बनाए जाने को लेकर पहले नंबर पर प्रदेश का नाम आएगा। मगर बेहतर संसाधनों और आवेदन के नियम व शर्तें को लेकर पंजाब को नंबर वन पर रखा गया है। यहां आपको यह भी बता दें कि सभी आवेदनों में केवल 3 राज्यों को ही बल्क ड्रग पार्क बनाए जाने हेतु चयन किया गया है।

    जिसमें पंजाब, हिमाचल और हरियाणा शामिल है। सूत्रों की माने तो हिमाचल दूसरे पायदान पर आया है जबकि हरियाणा को तीसरे नंबर पर रखा गया है। हालांकि अभी तक रसायन व उर्वरक मंत्रालय के द्वारा इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इसकी वजह गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, यूपी तथा राजस्थान आदि राज्यों ने इसके नियम व शर्तों में बदलाव की मांग भी रखी है। हम आपको यह भी बता दें कि एक बल्क ड्रग पार्क के लिए केंद्र सरकार के द्वारा 1000 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा तो वही राज्य सरकार को इसमें 400 करोड रुपए का हिस्सा अलग से डालना होगा।

    क्या है ए पी आई यानी रॉ मटेरियल की देश में स्थिति…

    हालांकि 80 के दशक से पहले भारत देश में आईडीपीएल जैसी फार्मास्यूटिकल कंपनियां बेहतर किस्म का दवा राँ मटेरियल तैयार किया करती थी। मगर प्रदूषण व अन्य कारणों के चलते रॉ मटेरियल बनाने वाली कंपनियां बंद कर दी गई थी। जिसके बाद दवाओं के रॉ मटेरियल निर्माण में चाइना पूरी दुनिया के दवा कारोबार पर हावी हो गया। बता दें कि भारत देश दुनिया के अन्य देशों के लगभग 903 साइट से ए पी आई और के एस एम आयात करता है। जिनमें से 574 साइट चाइना की है।

    बता दें कि एक ड्रग बल्क पार्क में 80 से अधिक कंपनियों को इकाई स्थापित करने का मौका मिलेगा और जैसे ही देश के 3 राज्यों में बल्क ड्रग पार्क शुरू होंगे तो करीब 60,000 से अधिक रोजगार भी पैदा होगा। हैरानी तो इस बात की है कि भारत देश दवा निर्माण में दुनिया के तीसरे नंबर पर है। जिसमें बेहतर दवा निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश को भी जाना जाता है।

    मगर दवाओं की कीमत के मामले में भारत का स्थान 10वां है। अब यदि अधिकतर दवाओं का रो मटेरियल देश नहीं बनना शुरू हो जाएगा तो यह तय है कि भारत देश विश्व में एक बड़ा ड्रग हब बन कर उभरेगा। केंद्रीय सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले पायदान पर आने वाले राज्य को रोल मॉडल बल्क ड्रग पार्क बनाने के लिए अतिरिक्त अनुदान भी मिल सकता है।

    बल्क ड्रग पार्क आवंटन के यह है मानक…

    इसके लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं जिन राज्यों में 500 से लेकर 800 एकड़ जमीन उपलब्ध है उन्हें 10 अंक 800 एकड से हजार एकड़ जमीन उपलब्ध होने पर 15 अंक और इससे ज्यादा भूमि उपलब्ध होने पर 25 अंक निर्धारित रखे गए हैं। इसके अलावा गार्बेज निष्पादन बिजली की व्यवस्था वेयरहाउस तथा पार्क प्रबंधन के लिए 30 अंक निर्धारित किए गए हैं।

    रेंट या लीज अथवा जमीन की कीमत को लेकर 10 अंक तथा बल्क ड्रग पार्क के लिए चयनित जमीन से राष्ट्रीय राजमार्ग रेलवे स्टेशन आदि की उपलब्धता के लिए 5 अंक राज्य सरकार की पॉलिसी पर 15 अंक, इज ऑफ डूइंग बिजनेस पर 10 अंक तथा तकनीकी मानव संसाधन की उपलब्धता पर 10 अंक तथा पर्यावरण के दृष्टिगत पांच अंक निर्धारित किए गए हैं।

    बरहाल, इस विषय को लेकर उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर से संपर्क कई बार साधा गया मगर वह आज चंडीगढ़ हिमाचल भवन में किसी बैठक में थे।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • सिरमौर में 40 सड़कों को 2.80 करोड़ का नुकसान, बिजली बोर्ड को भी बड़ा झटका
    • किंकरी देवी के नाम पर संगडाह में प्रस्तावित पार्क का अधूरा निर्माण कार्य
    • नाहन अदालत परिसर को बम से उड़ने की धमकी
    • बिरोजा फैकट्री के नजदीक बरसाती नाले ने मचाया कहर
    • हाईकोर्ट के आदेशों की उड़ रही सरेआम धज्जियां एनएच 707 पर डायनामाइट से पहाड़ उड़ा कर
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.